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चंडीगढ़, 5 मार्च। पंजाब के किसान अपनी मांगों के समर्थन में आज यहां प्रदर्शन करेंगे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए चंडीगढ़ की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। चंडीगढ़ के आला पुलिस अधिकारी पंजाब के अधिकारियों से लगातार संपर्क में है। सारे बॉर्डरों को सील कर दिया गया है। वहीं, 12 रूटों को भी डायवर्ट किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री मान के साथ वार्ता बेनतीजा रहने के बाद किसानों ने चंडीगढ़ में धरने का ऐलान किया था।
अपनी लंबित मांगों को लेकर मुख्य रूप से पंजाब के किसान संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने चंडीगढ़ के सभी सीमाओं को सील कर दिया है। वहीं किसानों का कहना है कि जहां पुलिस ने उनको रोका वो वहीं अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर देंगे। एहतियात के तौर पर चंडीगढ़ पुलिस ने भारी सुरक्षा तैनात करके शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया है और यात्रियों को इन मार्गों से बचने की सलाह जारी की है।
अपील
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उघराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उघराहां ने किसानों से सड़कों, राजमार्गों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध नहीं करने की अपील की है क्योंकि इससे जनता को असुविधा होगी। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे उस स्थान पर सड़क किनारे धरना दें, जहां सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका है। लेकिन उन्होंने सभी किसान यूनियनों से चंडीगढ़ पहुंचकर और चंडीगढ़ में ‘पक्का मोर्चा‘ में शामिल होकर बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराने की अपील की, जहां प्रशासन ने अभी तक विरोध प्रदर्शन के लिए जगह आवंटित नहीं की है।
रोकने की तैयारी
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि किसानों को शहर के एंट्री प्वाइंट पर रोक दिया जाएगा। एसकेएम ने पंजाब सरकार पर विरोध के अधिकार को दबाने का आरोप लगाया है। कृषि नीति के क्रियान्वयन के अलावा एसकेएम की मांगों में भूमिहीन मजदूरों और किसानों को भूमि वितरण जारी करना और किसानों और मजदूरों की कर्ज माफी शामिल है।
बेजनतीजा रही थी बैठक
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) राजनीतिक की सोमवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ दो घंटे चली बैठक बेनतीजा रही। सौहार्दपूर्ण चल रही बैठक में तलखी तब आई जब मुख्यमंत्री ने किसानों से चंडीगढ़ में पांच मार्च से शुरू किए जा रहे धरने के बारे में पूछा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के धरनों-प्रदर्शनों से लोगों को परेशानी होती है। राज्य में लोग निवेश करने तक नहीं आएंगे। इस पर किसान नेताओं ने कहा कि वे इस पर बाद में सोचेंगे।
भाकियू उगराहां के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि आपने किसानों के मोर्चे के डर से ही बैठक के लिए बुलाया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनके मोर्चे के डर से नहीं, बल्कि उनकी मांगों को जानने के लिए आए हैं।
बाद में, मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनके दरवाजे किसानों के साथ बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं, लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता को असुविधा और परेशान करने से बचना चाहिए। यहां एक बैठक में किसानों के साथ बातचीत करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है ताकि रेलवे या सड़क अवरोधों के माध्यम से आम आदमी को होने वाली परेशानी से बचा जा सके।