
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और रेजीडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार रहे मौजूद
Bilkul Sateek News
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित बिहार निवास में आज एक ऐतिहासिक कदम के तहत बिहार सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच छह नए क्षेत्रीय हवाई अड्डों के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा तथा दिल्ली स्थित बिहार के रेजीडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार (IAS) की उपस्थिति रही। साथ ही इस बैठक में बिहार के डायरेक्टर सिविल एविएशन निलेश देवरे (IAS) ने AAI के साथ समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाल ही में संपन्न राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी। इसके तहत मधुबनी, बिरपुर (सुपौल), मुंगेर, वाल्मीकि नगर (पश्चिम चंपारण), मुजफ्फरपुर और सहरसा में छोटे हवाई अड्डों के निर्माण की योजना है। इन परियोजनाओं के पहले चरण के लिए 150 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें प्रत्येक हवाई अड्डे के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा, “यह समझौता बिहार में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सशक्त बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल है। यह न सिर्फ राज्य की यातायात संरचना को मजबूती देगा, बल्कि विकास और निवेश के नए द्वार भी खोलेगा।”
इस अवसर पर रेजीडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने कहा, “नई दिल्ली में बिहार निवास एक संवाद और समन्वय का केंद्र बन रहा है। यह समझौता बिहार की क्षेत्रीय हवाई सेवा को नई ऊंचाई देने वाला है और इसके माध्यम से केंद्र व राज्य के बीच सहकार्य को नई गति मिलेगी।”
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत दृष्टिकोण और भारत सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य किफायती हवाई यात्रा के माध्यम से अनुपयुक्त क्षेत्रों को जोड़ना है। भारत अगले पांच वर्षों में 50 और हवाई अड्डे जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे 2047 तक कुल 350 से अधिक हवाई अड्डों का लक्ष्य रखा गया है। इन योजना वाले हवाई अड्डों पर 19-सीटर विमान संचालित होंगे, जो बिहार के दूरदराज क्षेत्रों तक हवाई यात्रा की पहुँच में महत्वपूर्ण सुधार करेंगे।
बिहार सरकार की यह पहल राज्य में समावेशी विकास को बल देगी। खासकर उन जिलों को जिनमें अब तक हवाई सुविधाएं नहीं थीं, वहां पर्यटन, व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि भविष्य में और भी हवाई अड्डों के निर्माण के लिए आवश्यक बजट आवंटन किया जाएगा।