
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 30 जून। गुरुग्राम पुलिस ने कंबोडिया से डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से साइबर ठगी करने के मामले में एक महिला को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला कंबोडिया में चल रहे कॉल सेंटर में काम करती है। इस कॉल सेंटर को चाइना के साइबर ठग ऑपरेट कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपी महिला के पास से ठगी की वारदात को अंजाम देने में प्रयोग किए गए 2 मोबाइल भी बरामद किए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी महिला पुलिस, सीबीआई व कस्टम अधिकारी के रूप में अपना परिचय कराते हुए कोरियर में अवैध नशीला सामान, हथियार मिलने का झांसा देकर लोगों को डिजिटल एरेस्ट करने के नाम पर डरा, धमकाकर वसूली करने वाले गिरोह की सदस्य है। साइबर ठगी का यह गोरखधंधा कंबोडिया में स्थित एक कॉल सेंटर से संचालित हो रहा है। पिछले साल 4 दिसंबर को एक महिला ने पुलिस थाना साइबर अपराध पूर्व में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया था कि उसके बेटे के पास एक कॉल आया कि आपके आधार कार्ड का प्रयोग हवाला के काम में प्रयोग हुआ है। बेटे ने मना कर दिया तो उन्होंने (फर्जी पुलिस अधिकारी) एफआईआर दर्ज कराने का डर दिखाया। फिर उन्होंने एक सीबीआई अफसर से वीडियो कॉल करके उसको डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही और उसका नाम हवाला के केस में शामिल होने का डर दिखाते हुए उससे रुपये ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर पुलिस थाना साइबर अपराध पूर्व में मामला दर्ज किया गया।
थाना साइबर अपराध पूर्व प्रभारी अमित शर्मा की पुलिस टीम ने इस मामले में 1 आरोपी महिला को कल दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान खुशबू (उम्र 24 वर्ष, शिक्षा 12वीं पास) निवासी ककरीमोरा फलियु, महुवरिया, जिला सूरत, गुजरात के रूप में हुई।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि इस मामले में ठगी गई राशि में से 39 लाख रुपये (आरोपी सुरेंद्र) बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे। सुरेंद्र ने अपना बैंक खाता मितेश को 5 लाख रुपये में बेचा था। मितेश ने बताया कि उसने यह बैंक खाता अपने भाई भार्गव जो दुबई में रहता है के कहने पर खुशबू को बेचा था।
खुशबू जो कंबोडिया में रहती है और डिजिटल अरेस्ट करके साइबर फ्रॉड करने वाले कॉल सेंटर में काम करती है। वहां साइबर फ्रॉड का काम 3 चरणों में किया जाता है, प्रथम चरण में लोगों को साइबर फ्रॉड जैसे मोबाइल नंबर अपडेट, आधार कार्ड का प्रयोग गलत कामों में किया गया का भय दिखाया जाता है और मुकदमा दर्ज करने के बारे में बोला जाता है, फिर द्वितीय चरण में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर उनको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है और तृतीय चरण में कस्टम अथवा इनकम टैक्स अधिकारी बनकर उनसे बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर कराए जाते है। खुशबू डिजिटल अरेस्ट के लिए किए जाने वाली साइबर ठगी के प्रथम चरण वाली टीम में काम करती है।
खुशबू से पुलिस पूछताछ व पुलिस जांच में पता चला कि वह अपनी एक दोस्त के पति के माध्यम से नवंबर-2023 में दुबई नौकरी करने के लिए गई थी, जहां (दुबई) से वह अगस्त-2024 में कंबोडिया चली गई और अगस्त-2024 से यह कंबोडियो की राजधानी Phnom Penh में स्थित Mango Park नाम के एक कॉल सेंटर में डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी करने वाली प्रथम चरण की टीम के साथ साइबर ठगी करने में संलिप्त थी। इस कार्य के लिए खुशबू को 700 अमेरिकन डॉलर बतौर वेतन मिलता था।
खुशबू से पुलिस पूछताछ और मामले की जांच के दौरान यह भी पता चला कि खुशबू जिस कॉल सेंटर (Mango Park, Phnom Penh, Cambodia) में कार्य करती थी, उसे चाइना मूल के लोग संचालित करते हैं और उस कॉल सेंटर में भारत समेत विभिन्न देशों के युवक व युवतियां साइबर ठगी के कार्य करते हैं। इसी प्रकार के Phnom Penh व Cambodia के अन्य स्थानों पर कई कॉल सेंटर चलाएं जा रहे हैं, जो साइबर ठगी करने का काम करते हैं।
पुलिस द्वारा इस मामले में खुशबू समेत कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आगामी कार्रवाई के लिए खुशबू को न्यायालय में पेश किया जाएगा। मामले की जांच जारी है।