
अजय वर्मा
भारतीय सिनेमा में लंबे समय तक स्टाइल केवल उन सितारों का क्षेत्र रहा है जो कैमरे के सामने होते हैं। लेकिन कुछ चुनिंदा फिल्म निर्माता ऐसे हैं जो इस सोच को बदल रहे हैं—ऐसे निर्देशक जिनका फैशन सेंस उतना ही आइकॉनिक है जितनी उनकी कहानियाँ। करण जौहर की हाइ-फैशन ग्लैमर से लेकर मोजेज सिंह की बोल्ड और एडिटोरियल स्टाइल तक—ये निर्देशक यह दिखा रहे हैं कि स्टाइल और कहानी—दोनों में माहिर होना क्या होता है। ये केवल पर्दे पर ट्रेंड नहीं बनाते—ये खुद उस ट्रेंड को जीते हैं।
करण जौहर
पर्दे पर सबसे ग्लैमरस दुनियाएँ रचने के लिए मशहूर (कभी खुशी कभी गम, ऐ दिल है मुश्किल), करण जौहर असल ज़िंदगी में भी उस भव्यता को दर्शाते हैं। डिज़ाइनर ट्रेंच कोट, लक्जरी बैग और स्टेटमेंट शेड्स के साथ, वह फ़िल्म और फ़ैशन दोनों में निर्विवाद रूप से ड्रामा किंग हैं।
मोजेज सिंह
ज़ुबान से लेकर ह्यूमन और फिर यो यो हनी सिंह: फ़ेमस जैसी प्रोजेक्ट्स के जरिये मोजेज सिंह ने साबित किया है कि उनका विज़ुअल स्टोरीटेलिंग उतना ही बोल्ड है जितना उनका व्यक्तिगत स्टाइल। हाई-फैशन स्ट्रीटवियर, ग्राफिक प्रिंट्स और रंगों के साथ निडर प्रयोग—उनकी स्टाइल उतनी ही क्यूरेटेड है जितनी उनकी फिल्मों की फ्रेमिंग।
ज़ोया अख्तर
ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा, गली बॉय, और द आर्चीज जैसी फिल्मों में जोया अख्तर ने व्यक्तित्व और आत्म-अभिव्यक्ति को सेलिब्रेट किया है—और उनकी फैशन स्टाइल भी वही कहानी कहती है। नैचुरल फैब्रिक, फंक्शनल लेयरिंग, और एक सहज कूलनेस—उनकी स्टाइल में वही गहराई है जो उनकी कहानियों में होती है।
किरण राव
चाहे धोबी घाट हो या लापता लेडीज, किरण राव की फिल्मों की तरह ही उनका फैशन भी टेक्सचर और इमोशन से भरपूर होता है। खादी के साथ अतरंगीपन का मेल, क्लासिक साड़ियाँ, बोल्ड ऐक्सेसरीज और नायाब सिलुएट्स—उनकी स्टाइल एक ऐसे प्रयोग की बात करती है जो आत्मविश्वास से भरा है।