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Bilkul Sateek News
नूंह, 26अप्रैल। नूंह जिले के बहुचर्चित दहेज हत्या मामले में अदालत ने पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने साथ पति पर 55 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार मामला जून 2021 का है। नूंह शहर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 में नजमा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पिता फारूख ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी नजमा की शादी 2017 में खालिद पुत्र शाहरून से हुई थी। शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर नजमा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। 5 जून 2021 को नजमा की मौत की सूचना मिलने पर परिजन शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ पहुंचे, जहां नजमा के शरीर पर चोटों के गंभीर निशान पाए गए।
जिसके बाद नजमा के परिजनों ने ससुराल वालों पर दहेज की मांग पूरी न होने के कारण हत्या का आरोप लगाया। शिकायत के आधार पर नूंह पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी और 498ए के तहत मामला दर्ज किया। मामले में एफएसएल रिपोर्ट, मेडिकल दस्तावेज और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में सुनवाई लगभग चार साल तक चली।
जिसके बाद सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार की अदालत ने नूंह पुलिस की मजबूत पैरवी और साक्ष्यों के आधार पर खालिद को 22 अप्रैल को दोषी ठहराया। इसके बाद 24 अप्रैल को अदालत ने नजमा दहेज हत्यााकांड में दोषी पति खालिद को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 55 हजार का जुर्माना भी लगाया। इस फैसले के बाद परिजनों ने कहा कि वे वर्षों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे और अब उन्हें कुछ हद तक सुकून मिला है।