
टैक्स विभाग में इंस्पेक्टर को प्रॉपर ऑफिसर बनाने से बढ़ा भ्रष्टाचारः नवीन गुप्ता
पैसा खर्च करके भी नुकसान झेल रहे हैं व्यापारीः राजीव वत्स
इंस्पेक्टर को प्रॉपर ऑफिसर बनाने का निर्णय तुरंत वापस ले सरकारः एडवोकेट अभय जैन
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 5 जून। प्रदेश व जिले के टैक्स विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन जिला बार एसोसिएशन और जनहित की आवाज उठाने वाली संस्था मानव आवाज ने आज एक मंच पर आकर पत्रकार वार्ता में आवाज उठाई। एसोसिएशनों की ओर से एक स्वर में टैक्स विभाग से भ्रष्टाचार को खत्म करने की मांग सरकार से की गई। कहा गया कि इंस्पेक्टरी राज को हरियाणा में फिर से ना पनपने दिया जाए।
हरियाणा स्टेट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट नवीन गुप्ता, जिला टैक्सेशन बार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष राजीव वत्स व मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने कहा कि टैक्सेशन विभाग में नियमों की अनदेखी करके इंस्पेक्टर को प्रॉपर ऑफिसर का दायित्व देकर शक्तियां सौंपना नियमों के विरुद्ध है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है और व्यापारियों के लिए कई परेशानियां खड़ी हुई हैं। इससे सरकार की ओर से स्टार्टअप के दावे भी दम तोड़ रहे हैं। जीएसटी नंबर लेना नामुमकिन सा काम हो गया है। क्योंकि प्रॉपर ऑफिसर्स की ओर से ऐसे-ऐसे नियम बना दिए गए हैं, ऐसी शर्तें लगा दी गई हैं जिनका कोई औचित्य नहीं है।
एडवोकेट नवीन गुप्ता ने कहा कि राज्य के जीएसटी विभाग में इंस्पेक्टर जीएसटी का नंबर व वेरिफिकेशन का काम करना था, जिसे सरकार ने 28 दिसंबर 2023 में प्रॉपर ऑफिसर का नाम दिया गया था। नियमों के विरुद्ध यह काम किया गया। नियमों में यह कहीं नहीं है कि एक इंस्पेक्टर जीएसटी से संबंधित काम देखेगा। यह काम वरिष्ठ अधिकारियों का है। इंस्पेक्टर के पद का नाम बदलकर सरकार ने उन्हें प्रॉपर ऑफिसर बनाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है। भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति को ये प्रॉपर ऑफिसर पलीता लगा रहे हैं। एडवोकेट नवीन गुप्ता ने सरकार से मांग की है कि इंस्पेक्टर से प्रॉपर ऑफिसर के पद को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो टैक्स बार एसोसिएशन न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। क्योंकि प्रॉपर ऑफिसर व्यापारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं।
इंस्पेक्टरी राज को मिल रहा है बढ़ावाः राजीव वत्स
राजीव वत्स ने कहा कि जब जीएसटी एक्ट में ही इंस्पेक्टर को ऐसी कोई पावर नहीं दी गई है, लेकिन हरियाणा सरकार ऐसा करके इंस्पेक्टरी राज को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि ये इंस्पेक्टर व्यापारियों से गैर जरूरी कागजों की मांग करते हैं। व्यापारियों के काम अटकाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ व्यापारियों के लिए परेशानी खड़ी नहीं हो रही, बल्कि सरकार को भी राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी पैसा खर्च करके भी परेशान ले रहे हैं। व्यापारियों को जीएसटी देने के लिए फायर सेफ्टी एनओसी, फूड एनओसी, पॉल्यूशन कंट्रोल एनओसी, म्यूनिसिपल कारपोरेशन एनओसी, व्यक्तिगत बचत खाता, फर्म के निदेशक की प्रॉपर्टी ऑनरशिप की जानकारी, रेंट एग्रीमेंट की मांग की जा रही है। पैसा खर्च करके भी व्यापारी नुकसान ही झेल रहे हैं।
अटके पड़े वैट के 30 हजार करोड़ की वसूली पर नहीं होती बातः अभय जैन
मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके प्रॉपर ऑफिसर को हटाया जाए, जिससे कि टैक्स का काम सही हो सके। जीएसटी नंबर के लिए नियमों के नाम पर जो पेंच लगाया जाता है, वह नहीं लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 30 हजार करोड़ रुपये वैट के पेंडिंग हैं, उनकी वसूली करने की बजाय प्रॉपर ऑफिसर कोई कदम नहीं उठा रहे। वहां मिलीभगत से मामले को पेंडिंग में ही रखा जा रहा है। एक जुलाई 2017 से 30 हजार करोड़ रुपये वैट के रूप में पेंडिंग होने पर कोई काम नहीं किया जा रहा। अप्रैल 2025 में ही प्रदेश सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू की थी, फिर भी 30 हजार करोड़ रुपये वैट के रूप में वसूले नहीं गए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 9 जनवरी 2025 को जारी आदेशों में यह भी कहा गया था कि इंस्पेक्टर (प्रॉपर ऑफिसर) किसी पर भी एक्शन लेने से पहले अपने वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। करीब 90 केसों में ऐसा नहीं किया जा रहा।
रजिस्ट्रेशन, केंसिलेशन प्रोसेस को आसान किया जाए
एमएसएमई चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष विनोद गुप्ता, के.के. बॉम्ब, पवन जिंदल, टैक्स बार के कोषाध्यक्ष अमित वर्मा ने कहा कि रजिस्ट्रेशन, केंसिलेशन व अमेंडमेंट प्रोसेस को आसान किया जाए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इंस्पेक्टर को प्रॉपर ऑफिसर हरियाणा के अलावा किसी राज्य में नहीं बनाया गया है। प्रॉपर ऑफिसर की वजह से हरियाणा में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। रविंद्र जैन एडवोकेट ने भी टैक्स बार की मांगों का समर्थन करते हुए उन्हें पूरा करने के लिए सरकार से मांग की। कादीपुर औद्योगिक एसोसिएशन से प्रधान श्रीपाल शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने इंस्पेक्टरी राज को समाप्त करने के खूब प्रयास किए थे, लेकिन आज भी इंस्पेक्टरी राज कायम है। इंस्पेक्टरी राज से व्यापार में परेशानी आती है।