
डीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय, निगरानी समिति और प्रवर्तन टीमें होंगी गठित
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 6 जून। उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि गुरुग्राम को सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) मुक्त बनाना समय की आवश्यकता है और इसके लिए सभी विभागों को मिलकर ठोस प्रयास करने होंगे। उन्होंने शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि एसयूपी के उपयोग पर सख्ती से रोक लगाने के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाएं, वैकल्पिक उत्पादों को बढ़ावा दें और निगरानी तंत्र को प्रभावी बनाएं।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शहर के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों में लोगों को प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े और जूट के थैलों का वितरण किया जाएगा। यह पहल आगामी कुछ समय तक चरणबद्ध रूप से जारी रहेगी, ताकि नागरिकों को उपयोगी और पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके तथा प्लास्टिक पर निर्भरता धीरे-धीरे कम हो।
साथ ही, सिंगल यूज प्लास्टिक के थोक विक्रेताओं, भंडारणकर्ताओं और निर्माताओं पर निगरानी के लिए प्रवर्तन टीमें गठित करने का निर्णय लिया गया। ये टीमें नियमित रूप से सुबह और शाम बाजारों व प्रमुख क्षेत्रों में निरीक्षण करेंगी।
उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। प्लास्टिक जैसे हानिकारक पदार्थों का अत्यधिक उपयोग हमारे जल, मिट्टी और वायु को प्रदूषित कर रहा है, जिससे हमारी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और उसके स्थान पर पर्यावरण मित्र विकल्प अपनाएं।
प्रशासन ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न संस्थानों और नागरिकों से सहयोग प्राप्त करने की योजना बनाई है, ताकि सभी के हित में पर्यावरण संरक्षण को सशक्त बनाया जा सके। स्थानीय उद्योगों और संगठनों के साथ मिलकर आर्थिक सहायता जुटाई जाएगी, जिससे पर्यावरण के अनुकूल थैले और प्रचार सामग्री उपलब्ध कराई जा सकें। यह पहल आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए है।
इस पूरी कार्ययोजना की निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की जाएगी जो नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा करेगी और आवश्यक निर्देश जारी करेगी।
बैठक के अंत में डीसी ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि अभियान को केवल औपचारिकता न मानते हुए इसे जनभागीदारी आधारित पहल बनाएं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर पर्यावरणीय संकट है और इसे नियंत्रित करने में गुरुग्राम को हरियाणा का मॉडल शहर बनाना है।
बैठक में एसीयूटी से आदिति सिंघानिया, एसडीएम गुरुग्राम परमजीत चहल, एसडीएम सोहना संजीव कुमार, एसडीएम पटौदी दिनेश लुहाच, एसडीएम मानेसर दर्शन यादव, एसीपी सुशीला, हेड (स्ट्रैटेजी एवं पार्टनरशिप) पंकज कुमार गुप्ता, हेड (प्रोग्रामर) सुजीत कुमार साहू, डायरेक्टर (वर्वेटा प्रोजेक्ट्स) दुर्गेश शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।