
रिहायशी इलाकों में अवैध व्यवसाय और निर्माण पर शिकंजा कसने की मुहिम तेज
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 22 जून। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एनफोर्समेंट विंग (डीटीपीई) द्वारा शनिवार को सुशांत लोक-2 और 3 में ‘ऑफिस ऑन द स्पॉट’ अभियान की तीसरी कड़ी चलाई गई। इस दौरान टीम ने दोनों फेजों में कुल 266 रिहायशी मकानों पर नोटिस चस्पा किए। इनमें से सुशांत लोक-3 में 183 और सुशांत लोक-2 में 83 मकानों को चिन्हित किया गया। इससे पहले दो सप्ताह की कार्रवाई में विभाग 400 से अधिक मकानों को नोटिस दे चुका है, जिससे अब तक कुल संख्या 666 पहुंच गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन लोगों को शुरूआती चरणों में नोटिस दिए गए थे, उनमें से कई ने कोई जवाब नहीं दिया, जबकि कुछ ने असंतोषजनक उत्तर दिए। ऐसे मामलों में विभाग ने अब रेस्टोरेशन ऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यानी, जिन निर्माणों या गतिविधियों को अवैध पाया गया है, उन्हें पूर्व स्थिति में लाने के आदेश दिए जाएंगे।
इस अभियान का मूल उद्देश्य है—रिहायशी मकानों में बिना अनुमति के चल रही व्यावसायिक गतिविधियों और नियम विरुद्ध निर्माण पर रोक लगाना। कार्रवाई के चलते क्षेत्र में भारी हलचल देखी जा रही है और बड़ी संख्या में लोग अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए डीटीपीई कार्यालय पहुंच रहे हैं। मगर अधिकारियों की ओर से साफ निर्देश दिए गए हैं कि मकानों में स्टील्थ पार्किंग, कट-आउट और जोनिंग क्षेत्र में जो अवैध निर्माण किए गए हैं, उन्हें स्वयं हटा लिया जाए। साथ ही, व्यावसायिक गतिविधियां अगर संचालित हो रही हैं तो उन्हें तुरंत बंद किया जाए।
सर्वेक्षण के दौरान विभाग को यह देखने को मिला कि रिहायशी मकानों में कई तरह की व्यावसायिक गतिविधियां अवैध रूप से संचालित हो रही हैं, जिनमें—ट्यूशन सेंटर, ब्यूटी पार्लर, रियल एस्टेट ऑफिस, क्लिनिक, गेस्ट हाउस, पीजी, किराना दुकान, प्रिंटिंग स्टेशनरी, स्पोर्ट्स टॉय शॉप, सलून, योगा और प्ले स्कूल आदि शामिल हैं। इसके अलावा भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए छतों पर अवैध कमरे, स्टील्थ पार्किंग को कमरों में तब्दील करना और कट-आउट एरिया को कवर करना भी पाया गया।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के
जिला नगर योजनाकार (एनफोर्समेंट) अमित मधोलिया ने बताया कि इस सप्ताह सेक्टर 55, 56 और 57 के तहत आने वाले सुशांत लोक-2 और 3 इलाकों में कार्रवाई लगभग पूरी कर ली गई है। विभाग ने अब तक कुल 650 से अधिक मकानों को कारण बताओ नोटिस थमाए हैं। नोटिस के जवाब के लिए सात दिन का समय दिया गया था, जो अब समाप्त हो चुका है। ऐसे सभी मकान मालिकों के खिलाफ विभाग अब अगली कार्रवाई की दिशा में बढ़ रहा है—जैसे कि रेस्टोरेशन आदेश, सीलिंग, ओसी रद्दीकरण और रजिस्ट्री पर रोक की प्रक्रिया।
रिहायशी क्षेत्रों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियां फायर सुरक्षा मानकों का भी उल्लंघन कर रही हैं। इस आधार पर फायर विभाग से समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।