
HERC सदस्य मुकेश गर्ग बोले – “सिर्फ विद्युत अधिनियम 2003 के तहत दायर याचिका पर ही हो सकती है कार्यवाही”
Bilkul Sateek News
चंडीगढ़, 25 जुलाई। हरियाणा में नई बिजली दरों को लेकर शुक्रवार को हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) के पंचकूला स्थित कार्यालय में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) से जुड़े गुरुग्राम और फरीदाबाद के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के सदस्य (विधि) मुकेश गर्ग से भेंट की।
प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष यह मांग रखी कि हरियाणा की औद्योगिक बिजली दरों को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों के समकक्ष लाया जाए, ताकि राज्य की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति बनी रहे और नए निवेशकों को प्रोत्साहन मिल सके। इस संदर्भ में प्रतिनिधिमंडल ने एक तुलनात्मक अध्ययन रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
इस पर HERC सदस्य (विधि) मुकेश गर्ग ने स्पष्ट किया कि आयोग एक quasi-judicial निकाय है, जो केवल विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत विधिवत रूप से दायर याचिकाओं पर ही विचार करता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी उपभोक्ता को FSA (फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट) या टैरिफ से संबंधित कोई आपत्ति है, तो उसे आयोग में याचिका दाखिल करनी होगी, तभी कोई निर्णय लिया जा सकता है।
उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में आयोग यमुनानगर-जगाधरी चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स तथा लघु उद्योग भारती द्वारा दायर समीक्षा याचिका पर सुनवाई कर रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि 28 मार्च को 2025-26 के टैरिफ आदेश के पूर्व आयोग द्वारा सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की गई थी, जिसमें सभी हितधारकों को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया था।
गर्ग ने आश्वस्त किया कि आयोग के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा और वे स्वयं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि अधिनियम का पूरी तरह अनुपालन हो तथा उपभोक्ताओं के हित सर्वोपरि बने रहें।
इस अवसर पर PHDCCI हरियाणा चैप्टर के को-चेयर प्रणव गुप्ता, वरिष्ठ उद्योगपति एम.के. गुप्ता, IMT इंडस्ट्रियल एसोसिएशन फरीदाबाद के अध्यक्ष प्रमोद राणा सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को ज्ञापन सौंपते हुए दरों की समीक्षा की मांग की।
बैठक का समापन प्रतिनिधियों द्वारा पौधा भेंट कर किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण, संतुलन और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा।