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गुरुग्राम, 4 जुलाई। गुरुग्राम पुलिस ने 5 लाख का सरकारी मुआवजा दिलाने के बदले 1.50 लाख रुपये कमीशन मांगने के आरोप में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से 3 मोबाइल और 1 गाड़ी (मारुति ब्रेजा) बरामद की है। आरोपियों को 3 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ करते हुए अन्य साथी आरोपियों व अन्य वारदातों का भी खुलासा किया जाएगा।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 28 मई को एक व्यक्ति ने पुलिस चौकी जमालपुर में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया गया गया था कि जनवरी-2024 को उसके बङ़े भाई का देहांत हो गया था। उसके भाई के परिवार का बीपीएल कार्ड होने के कारण उसकी भाभी ने सरकार की दीनदयाल स्कीम के तहत मिलने वाली पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि के लिए आवेदन किया था। भाभी के आवेदन पर हरियाणा सरकार की तरफ से पांच लाख मंजूर किए गए थे। भाभी का अकाउंट उसकी दोनों भतीजियों (भाई के बेटियां) का बैंक खाता ज्वाइंट नहीं होने के कारण उसकी भाभी के बैंक खाते में रुपये नहीं आए। 14 जून को भाभी को एक कॉल आई और एक व्यक्ति ने उनको पांच लाख रुपये सरकार से आने के बारे में कहा। इसके बाद भाभी ने उस कॉल के बारे में मुझे बताया। जब उसने उस व्यक्ति से बात की तो उसने कहा कि दीनदयाल स्कीम के तहत हरियाणा सरकार की तरफ से सहायता राशि के लिए जो आवेदन किया था। वह उसकी राशि उन्हें 15 दिन में दिलवा देगा, जिसके लिए कुछ फीस लगेगी। फिर उस व्यक्ति ने उनको पटौदी में मिलने के लिए बुलाया और वह व्यक्ति एक कार में अपने अन्य साथियों के साथ मिला। फिर उसे अपनी कार में बैठाकर उसने मुआवजे की 5 लाख रुपये की राशि दिलाने के बदले राशि का 30 प्रतिशत (1 लाख 50 हजार) कमीशन मांगा तो उसने मना कर दिया।
पुलिस चौकी जमालपुर प्रभारी अमित कुमार की टीम ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में कल 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान विकास (उम्र 32 वर्ष) निवासी हिंगवाहेङा जिला खैरथल (राजस्थान) और महेंद्र कुमार (उम्र 48 वर्ष) निवासी वार्ड नं. 3 हेलीमंडी गुरुग्राम के रूप में हुई। विकास को रेवाड़ी से और महेंद्र को हेलीमंडी से पकड़ा गया।
प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में पता चला कि महेंद्र पटौदी में पैथलैब भी चलाता है और विकास उपरोक्त आर.ओ. की एक कंपनी का प्रचार करने के लिए कई स्थानों पर जाता था। अभी ये दोनों आरोपी आर.ओ. की कंपनी के लिए ही काम कर रहे थे। दोनों अपने अन्य साथियों की सहायता से सीएससी सेंटर्स से ऐसे लोगों की लिस्ट ले लेते थे जिनके सरकार की तरफ से मंजूर किए हुए मुआवजे किसी कारण से रुके हुए हैं, फिर ये उन लोगों से संपर्क करके उन लोगों से मुआवजा दिलवाने के लिए कमीशन मांगते थे। आरोपियों ने इस प्रकार की करीब 15 वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया है।
आरोपियों के अपराधिक रिकार्ड के अवलोकन से पता चला कि विकास के खिलाफ जिला रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ में चोरी करने, एटीएम मशीन से रुपये निकालने इत्यादि अपराधों के 6 मामले दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 मोबाइल व 1 गाड़ी (मारुति ब्रेजा) बरामद की गई है।
पुलिस द्वारा आरोपियों को आज अदालत के सम्मुख पेश करके 3 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान आरोपियों से अन्य साथी आरोपियों, अन्य वारदातों के बारे में गहनता से पूछताछ करते हुए इस मामले में गहन जानकारी एकत्रित की जाएगी। पुलिस पूछताछ व मामले की जांच में जो भी तथ्य समक्ष आएंगे उनके अनुसार अभियोग में नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच जारी है।