निरंतर प्रयासों से हरियाणा में लिंगानुपात 912 दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष 904 था
राज्य टास्क फोर्स ने ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान की प्रगति की समीक्षा की
Bilkul Sateek News
चंडीगढ़, 12 नवंबर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव के निर्देशानुसार हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार हेतु राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’’ अभियान के तहत अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और राज्य के लिंगानुपात में और सुधार लाने के प्रयासों को तेज करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभागों के निरंतर प्रयासों के कारण राज्य में इस साल पहली जनवरी से 10 नवंबर तक लिंगानुपात 912 दर्ज किया गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 904 था।
बैठक के दौरान डॉ. वीरेंद्र यादव ने अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों को दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने सहित दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि चरखी दादरी के गोपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एसएमओ को खराब लिंगानुपात के लिए आरोप पत्र जारी किया गया है। इसके अलावा, नारायणगढ़, मुलाना और चौरमस्तपुर के प्रभारी एसएमओ और पलवल, चरखी दादरी, सिरसा और सोनीपत के सीएमओ को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
डॉ. यादव ने अधिकारियों को एक वर्ष से कम उम्र की सभी अपंजीकृत बच्चियों का पंजीकरण करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए, खासकर उन जिलों में जहां लिंगानुपात में गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सटीकता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सीआरएस पोर्टल के आंकड़ों को वास्तविक प्रसव रिकॉर्ड के साथ जोड़ा जाए।
उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को चल रहे अवैध गर्भपात के मामलों में दोषसिद्धि दर में सुधार के प्रयासों को मजबूत करने और आवश्यकतानुसार नई अपील दायर करने के निर्देश भी दिए।
जिलेवार प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए बैठक में बताया गया कि फतेहाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत और रेवाड़ी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जबकि सिरसा, सोनीपत और चरखी दादरी में गिरावट देखी गई है। इन जिलों को सतर्कता बढ़ाने, अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और अपने-अपने लिंगानुपात में सुधार के लिए अल्ट्रासाउंड केंद्रों का समन्वित निरीक्षण करने के सख्त निर्देश दिए गए।
डॉ. यादव ने अधिकारियों से सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाने, आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को शामिल करने और संस्थागत प्रसव तथा समय से पहले प्रसव पंजीकरण को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक बालिका की गणना की जाए और उसकी देखभाल की जाए।
बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



