
गुरुग्राम : राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन अभियान व 100 दिन निक्षय शिविर की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। उपायुक्त ने जिले में टीबी उन्मूलन अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी सरकारी कार्यालयों और कंपनियों में सघन स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाएं, ताकि बीमारियों का समय पर पता लगाकर उचित उपचार किया जा सके।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि जिले में टीबी नियंत्रण अभियान के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। अन्य जिलों की तुलना में यहां पल्मोनरी केस की दर कम है, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना भी कम हो रही है। उन्होंने कहा कि समय पर स्क्रीनिंग से यह सुधार संभव हुआ है।
टीबी कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ. केशव शर्मा ने बताया कि वर्तमान में टीबी फ्री इंडस्ट्री, वर्कप्लेस और पंचायतों को अभियान का मुख्य केंद्र बनाया गया है। स्वास्थ्य जांच शिविरों के जरिए टीबी के अलावा मधुमेह, हेपेटाइटिस, लेप्रोसी और अन्य बीमारियों की पहचान हो रही है, जिससे मरीजों को समय पर उपचार मिल रहा है।
उपायुक्त अजय कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि सभी सरकारी कर्मचारियों की अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच कराई जाए और इसके लिए एक शेड्यूल तैयार कर शिविर आयोजित किए जाएं। उन्होंने ड्रग कंट्रोलर को भी आदेश दिया कि टीबी मरीजों का रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जाए और बिना प्रिस्क्रिप्शन के किसी को भी दवा न दी जाए। साथ ही, प्रत्येक टीबी मरीज की निक्षय आईडी बनाना अनिवार्य होगा, ताकि मरीजों की ट्रैकिंग सुनिश्चित हो सके और बीमारी के फैलने की आशंका को रोका जा सके।
उपायुक्त ने श्रम विभाग को भी निर्देश दिया कि सभी फैक्ट्रियों में कंपनी प्रबंधन के सहयोग से स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएं। इन शिविरों में विशेष रूप से अधिक श्रमिकों वाले और संवेदनशील उद्योगों पर फोकस किया जाएगा। बैठक के अंत में टीबी नियंत्रण अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों, एनजीओ और कंपनी पार्टनर्स को सम्मानित किया गया।