
कोर्ट ने 25 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया था
सिख विरोधी दंगा मामले में पिता-पुत्र की हत्या में सजा सुनाई गई
नई दिल्ली,25 फरवरी। दिल्ली में 1984 सिख विरोधी दंगों में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आज पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले कोर्ट ने 25 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। सज्जन कुमार पर 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगे में जुड़े मामले में पिता-पुत्र की हत्या में यह सजा सुनाई गई है। सिख दंगे मामले सज्जन कुमार तिहाड़ जेल में बंद हैं।
वहीं सज्जन कुमार की आजीवन कारावास की सजा से पीड़ित महिलाएं नाखुश दिखाई दीं। वे सज्जन कुमार के लिए फांसी की मांग कर रही थीं। वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने बताया कि सज्जन कुमार की आयु 80 साल से अधिक है। इसके कारण कोर्ट ने उसे दो उम्रकैद की से सुनाई है। उन्होंने कहा कि सज्जन कुमार को आईपीएस की धारा 302 और 436 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
ज्ञात हो कि सज्जन कुमार को एक नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में पिता -पुत्र की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 12 फरवरी को दंगा, गैरकानूनी सभा और आदि से संबंधित धाराओं में दोषी ठहराया गया था। पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल ने मामले की जांच की। कोर्ट में 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गए। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि घातक हथियारों से लैस होकर भीड़ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लूटपाट, आगजनी, हत्या और सिख संपत्तियों को निशाना बनाया गया। भीड़ ने शिकायतकर्ता जो जसवंत की पत्नी हैं उसके घर में घुसकर लूटपाट, घर में आग लगा दी और उसके पति और पुत्र की हत्या कर दी थी।