- जीएमडीए ने हरियाणा सीमा में 18.9 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेस वे की 15 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का ठेका पहले एक कंपनी को आवंटित किया हुआ है
- द्वारका एक्सप्रेस वे के सीपीआर हिससे में 1.750 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का निर्माण एक बिल्डर अपने खर्चे पर करवाएगा सर्विस रोड के बनने के बाद करीब चार हजार परिवारों को फायदा मिलेगा
द्वारका एक्सप्रेस वे पर सीपीआर (सेंट्रल पेरिफेरियल रोड) हिस्से में करीब 1.750 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का निर्माण एक बिल्डर की तरफ से किया जाएगा। इस बिल्डर की रिहायशी सोसाइटी इस एक्सप्रेस वे पर है। निर्माण में आने वाले खर्च का वहन यह बिल्डर करेगा। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने शर्तों के साथ इस बिल्डर को सर्विस रोड का निर्माण करने की मंजूरी प्रदान की है। जनवरी माह से इस सर्विस रोड का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। इसके बनने के बाद आसपास लगती रिहायशी सोसाइटी, कॉलोनी और गांव के करीब चार हजार परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है।
जीएमडीए के पास एक बिल्डर का प्रस्ताव आया था। इसमें जीएमडीए से आग्रह किया था कि सीपीआर के साथ-साथ सर्विस रोड यह बिल्डर अपने खर्चे पर बनाने को तैयार है। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय समिति में इस प्रस्ताव को रखा गया। समिति सदस्यों ने रिपोर्ट दी कि करीब 18.9 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेस वे में से 15 किलोमीटर हिस्से में सर्विस रोड के निर्माण का ठेका एक कंपनी को सौंपा हुआ है, जिसका काम चल रहा है। इस एक्सप्रेस वे के करीब 3.9 किलोमीटर लंबे सीपीआर हिस्से में 90 मीटर जमीन थी, जिसे एक्सप्रेस वे तैयार करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दिया था। एनएचएआई ने इस जमीन पर द्वारका एक्सप्रेस वे का निर्माण कर दिया है। अब सर्विस रोड के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है।
मौजूदा समय में जीएमडीए के पास 1.259 किलोमीटर में 7.5 मीटर जमीन उपलब्ध है। 511 मीटर में 10 मीटर से कम जमीन उपलब्ध है। 72 मीटर में बिल्कुल जमीन नहीं है। एनएचएआई से एनएचएआई अधिनियम के तहत सीपीआर के साथ-साथ जमीन अधिग्रहण का आग्रह किया था, जिसे लेकर एनएचएआई ने इंकार कर दिया है। उपलब्ध हिस्से में यदि सर्विस रोड का निर्माण होता है तो आसपास लगती रिहायशी सोसाइटी, कॉलोनी और गांव में रह रहे करीब चार हजार परिवारों को फायदा होगा। साथ ही साथ यदि सर्विस रोड का निर्माण बिल्डर की तरफ से किया जाता है तो जीएमडीए खजाने पर बोझ नहीं पड़ेगा। इसके बाद इस बिल्डर को करीब 1.750 किलोमीटर हिस्से में सर्विस रोड के निर्माण की मंजूरी शर्तों के तहत जारी कर दी गई।
क्या-क्या शर्त रखी बिल्डर के समक्ष
सर्विस रोड निर्माण राशि के खर्च को बिल्डर वहन करेगा।
आईआरसी दिशा-निर्देशों के तहत सर्विस रोड का निर्माण होगा। किसी तरह का हादसा होने पर जिम्मेदारी बिल्डर की रहेगी।
सर्विस रोड के निर्माण को लेकर पब्लिक सेवाएं बाधित नहीं होनी चाहिए।
यदि सर्विस रोड के निर्माण के लिए किसी विभाग की मंजूरी चाहिए तो बिल्डर खुद लेगा।
यदि किसी योजना के तहत सर्विस रोड को हटाना पड़ता है तो बिल्डर कोई आपत्ति नहीं करेगा।
इस निर्माण की एवज में बिल्डर को विज्ञापन बोर्ड लगाने का अधिकार नहीं दिया जाएगा।
बाहरी या आंतरिक विकास शुल्क में निर्माण राशि को समायोजित नहीं किया जाएगा।
किसी तरह के उल्लंघन मिलने पर मंजूरी को रद्द किया जाएगा।
द्वारका एक्सप्रेस वे पर प्रवेश और निकासी की मंजूरी एनएचएआई और जीएमडीए से लेनी होगी।