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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 30 जून। राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित एकॉर्ड सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रमुख डॉक्टरों ने न केवल अपने अनुभव साझा किए, बल्कि समाज को डॉक्टरों की भूमिका और उनके मानसिक स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान देने की अपील की।
अस्पताल के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र कुमार ने कहा कि डॉक्टर्स डे केवल सम्मान का अवसर नहीं है, बल्कि यह दिन हमें यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि डॉक्टरों को भी मानसिक और भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है। न्यूरोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि हर दिन डॉक्टर दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं, लेकिन कई बार वे अपनी खुद की सेहत की अनदेखी कर बैठते हैं। सर्जरी विभाग के चेयरमैन डॉ. प्रबल रॉय ने कहा कि डॉक्टरों की जिम्मेदारी सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं होती, बल्कि वे मरीजों के मानसिक संबल का भी बड़ा स्रोत होते हैं। कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. ऋषि गुप्ता ने कहा कि समाज को चाहिए कि डॉक्टरों की मेहनत और समर्पण के प्रति संवेदनशीलता बरते। ऑर्थाेपेडिक विभाग के चेयरमैन डॉ. युवराज कुमार ने कहा कि डॉक्टर 24 घंटे काम करते हैं, ऐसे में उनके मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। वहीं, गेस्ट्रोएंटोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रामचंद्र सोनी ने थीम ‘मुखौटे के पीछे’ उपचार करने वालों को कौन ठीक करता है?‘ पर विशेष ध्यान दिलाया। सभी विशेषज्ञों ने इस वर्ष की थीम की सराहना करते हुए कहा कि यह विषय समाज को यह याद दिलाने का अवसर है कि डॉक्टर भी इंसान हैं, और उन्हें भी सहानुभूति, समर्थन और समझ की जरूरत है।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल डॉक्टरों को सम्मानित करना था, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी जागरूकता फैलाना था।