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गुरुग्राम, 1 जुलाई। हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने आज यहां गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में शहर में सड़क, जलापूर्ति, जल निकासी और सीवरेज से जुड़े विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। सिविल लाइंस स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि नागरिक अधोसंरचना के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर तेजी से पूर्ण किया जाए, ताकि आमजन को सुगम सुविधाएं सुनिश्चित हो सकें।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने बैठक में विभागीय अधिकारियों से विकास कार्यों की प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट लेने के उपरांत निर्देश दिए कि मास्टर सड़कों के किनारे फुटपाथ निर्माण एवं स्ट्रीटस्केपिंग का कार्य उत्तम गुणवत्ता से किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि फुटपाथ पर टाइल्स का प्रयोग न किया जाए, क्योंकि उनकी उम्र कम होती है। फुटपाथ ऐसे बनाए जाएं जो टिकाऊ हों। इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण पेरिफेरल रोड (एसपीआर) के अपग्रेड डीपीआर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। राव ने कहा कि मास्टर सड़कों पर स्लिप रोड्स सुव्यवस्थित रूप से विकसित किए जाएं ताकि यातायात सुगम हो एवं चौराहों पर जाम की समस्या न रहे। कैबिनेट मंत्री ने बैठक में बसई सेक्टर-10 से भुक्तेश्वर चौक तक सड़क की खराब स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिया कि इस हिस्से में सड़क एवं जल निकासी के सुधार की समुचित योजना अतिशीघ्र तैयार की जाए। इसके अलावा उमंग भारद्वाज चौक से हीरो होंडा चौक तक गड्ढों की समस्या का त्वरित समाधान करने के आदेश दिए। कैबिनेट मंत्री ने इस दौरान सभी फुट ओवरब्रिजों (एफओबी) पर सभी एस्केलेटर कार्यशील स्थिति में रखने के निर्देश भी दिए।
सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक सुदृढ़ बनाने के निर्देश
बैठक में जीएमडीए के मुख्य अभियंता अरुण धनखड़ ने अवगत कराया कि गुरुग्राम शहर की सभी सड़कों को 4 जोनों में विभाजित किया गया है। सेक्टर 1-23, 24-80, 81-90 तथा 95-115। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत एवं मास्टर सड़कों का रिकार्पेटिंग का कार्य प्राधिकरण द्वारा युद्धस्तर पर किया जा रहा है। अब तक 100 किलोमीटर से अधिक सड़कों को दुरुस्त किया जा चुका है। इसके अलावा, जिन सड़कों के हिस्से अदालती विवाद से मुक्त हुए हैं, उनकी भी अधिसूचना तैयार की जा रही है ताकि बेहतर संपर्क सुनिश्चित किया जा सके।
पुराने गुरुग्राम के क्षेत्रों में जल आपूर्ति में उल्लेखनीय सुधार
बैठक में अधिकारियों ने अवगत कराया कि चंदू बुढ़ेड़ा स्थित जल शोधन संयंत्र (डब्लूटीपी) यूनिट-4 को चालू कर 90 एमएलडी अतिरिक्त जलापूर्ति की जा रही है। इससे शहर में कुल जलापूर्ति 570 एमएलडी से बढ़कर 660 एमएलडी हो गई है। सेक्टर 81-115 तथा पुराने गुरुग्राम के क्षेत्रों में जल आपूर्ति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यूनिट-5 (100 एमएलडी) का निर्माण दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। वहीं डब्ल्यूटीपी बसई की यूनिट-4 (100 एमएलडी) के लिए निविदा जारी की गई है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि 2031 तक गुरुग्राम में 1170 एमएलडी जलापूर्ति की अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित की जाए ताकि नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो।
जल निकासी इंफ्रास्ट्रक्चर को और प्रभावी बनाने के दिए निर्देश
राव नरबीर सिंह ने बैठक में जोर देकर कहा कि मानसून के दौरान बाढ़ राहत उपायों पर सर्वाेच्च ध्यान दिया जाए। जीएमडीए के सभी नालों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए ताकि जलभराव की समस्या न हो। उन्होंने सड़क, गली एवं ड्रेन के मुहानों को चौड़ा करने के भी निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का त्वरित निकास हो सके। इस दौरान उन्होंने नरसिंहपुर क्षेत्र में अस्थाई कच्चे ड्रेन और एनएचएआई द्वारा पुलों की सफाई की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इफको चौक, सिकंदरपुर एवं अन्य चिन्हित जलभराव स्थलों की समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए। जीएमडीए के अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण हेतु एजेंसियों को कार्य आवंटित कर पर्याप्त मशीनरी एवं पंप सेट तैनात कर दिए गए हैं। राजीव चौक, सेक्टर 17/18 मास्टर रोड, घाटा से एसपीआर सेक्टर 55/56, तथा ताऊ देवीलाल स्टेडियम से सुभाष चौक मार्ग पर जल निकासी कार्य प्रगति पर है। मंत्री ने कहा कि लेग 2 एवं लेग 3 ड्रेन की सफाई में तेजी लाई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंपिंग मशीनरी को केवल अस्थाई समाधान के रूप में ही प्रयोग किया जाए और जहां-जहां बार-बार जलभराव होता है, वहां स्थायी जल निकासी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाए।
सीवरेज नेटवर्क सुदृढ़ करें एवं हरियाली बढ़ाएं
राव नरबीर सिंह ने बैठक में कहा कि गुरुग्राम में निगम क्षेत्र में स्थित गावों में सीवरेज निकासी की समस्याएं गंभीर हैं। सीवरेज नेटवर्क की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए और इसे आंतरिक सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाए ताकि सभी क्षेत्रों का निकास सुव्यवस्थित हो। अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार ने बताया कि पिछली समीक्षा बैठक के निर्देशानुसार 10 किलोमीटर से अधिक सीवरेज लाइन की सफाई की जा चुकी है। पर्यावरण मंत्री ने शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने एवं हरियाली बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को पौधारोपण अभियानों को सघनता से संचालित करने के निर्देश दिए। जीएमडीए अधिकारियों ने बताया कि द्वारका एक्सप्रेस-वे, इफको चौक से एसपीआर, लेजर वैली पार्क, रामपुरा चौक एवं अन्य मास्टर सड़कों पर हरियाली विकसित करने के लिए एमओयू किए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्य अभियंता अरुण धनखड़, आर.एस. जांगड़ा, अधीक्षण अभियंता सुधीर रसलीवाल, प्रवीण कुमार, फैसल इब्राहिम, अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह और अभिनव वर्मा भी उपस्थित थे।