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गुरुग्राम, 14 अगस्त। सेक्टर 67 स्थित इस्कॉन का श्री सर राधा दामोदर मंदिर कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए भव्य आयोजनों के साथ तैयारियों में जुटा है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के लिए इस्कॉन के कृष्ण भक्त पिछले एक महीने से इसकी भव्य सफलता सुनिश्चित करने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए, इस्कॉन के 67वें मंदिर ने दो दिवसीय उत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की है।
इस्कॉन सेक्टर 67 मंदिर के अध्यक्ष रामभद्र दास ने बताया कि इस वर्ष हम इसका दो दिवसीय आयोजन कर रहे हैं। शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, जिसमें बच्चे अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। नृत्य, नाटक, श्लोक पाठ और मंत्र ध्यान आदि होंगे। मुख्य उत्सव मध्यरात्रि में मंगल आरती, भोग आरती, कलश अभिषेक और महाभिषेक के साथ शुरू होगा। आरती करने के लिए वेबसाइट https://www.iskcongurugram.com पर लॉग इन भी किया जा सकता है। यह एक दिव्य अवसर है और भगवान कृष्ण के इस विशेष दिन पर उनके दर्शन पाकर भक्त का जीवन सफल हो जाता है।
उन्होंने बताया कि हमने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं ताकि भक्त भगवान के दर्शन सुचारू रूप से कर सकें। मध्यरात्रि में महाअभिषेक समाप्त होने के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। उत्सव के लिए, मुख्य मंदिर के साथ-साथ आसपास की सड़कों को भी कोलकाता लाइट से सजाया गया है। मध्यरात्रि में, भगवान कृष्ण को कई वस्तुओं से स्नान कराया जाएगा।
दास ने आगे कहा कि अगले दिन जन्माष्टमी के साथ, हम दुनिया भर में इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद का आविर्भाव दिवस भी मनाएंगे।”
वहीं अखिला शमा देवी दासी ने बताया कि इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। भक्त प्रह्लाद स्कूल और गुरुग्राम के कुछ प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूलों के छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।”
इस्कॉन सेक्टर 67 मण्डली का एक महान और समृद्ध इतिहास है। लगभग 15 साल पहले शुरू हुए लोगों के एक छोटे से समूह से, इस्कॉन गुरुग्राम ने खुद को एक छोटे से प्रचार केंद्र से एक पूर्ण मंदिर में परिवर्तित करके एक लंबा सफर तय किया है। मण्डली की गतिविधियों में गुरुग्राम के विभिन्न कॉन्डोमिनियमों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, मूल्य-शिक्षा कार्यक्रम, मंत्र ध्यान, शाकाहारी कर्म-मुक्त भोजन पकाना, इस्कॉन के फूड फॉर लाइफ कार्यक्रम के तहत निराश्रितों और बेघरों को मुफ्त प्रसाद वितरण, वैदिक पुस्तकों का वितरण, कीर्तन संगीत कार्यक्रम, गलियों में हरिनाम संकीर्तन और नियमित रविवार भोज कार्यक्रम आदि शामिल हैं।