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गुरुग्राम, 20 अगस्त। सिग्नेचर ग्लोबल फाउंडेशन ने आज *“एक पेड़ माँ के नाम”* अभियान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा संत मुरलीधर महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस दौरान पौधारोपण किया गया और सिग्नेचर ग्लोबल फाउंडेशन की अब तक के कार्यकाल की चुनिंदा कार्यक्रम और झलकियों का संयोजित संकलन कॉफी टेबल बुक की प्रतिलिपि पूर्व राष्ट्रपति को भेंट की गई।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। फाउंडेशन का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य पौधारोपण के साथ साथ, समाज को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूक और प्रेरित करना भी है।
इस अवसर पर सिग्नेचर ग्लोबल के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान हमारे लिए बेहद विशेष है। यह पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ ही, समाज को यह संदेश भी देता है कि हर व्यक्ति व्यक्तिगत स्तर पर प्रकृति के संरक्षण में योगदान कर सकता है। हमें खुशी है कि मेरी माँ, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और पूज्य संत मुरलीधर महाराज जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व इस पहल का हिस्सा बने।”
उन्होंने आगे ये भी कहा, “सिग्नेचर ग्लोबल फाउंडेशन लगातार शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में काम कर रहा है। अब तक हमारी विभिन्न परियोजनाओं से 60,000 से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। प्रोजेक्ट पाठशाला के तहत 45,235 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पढ़ाई में बेहतर संसाधनों से जुड़े, आरोग्याराइज योजना से 5,500 लोगों को घर-घर स्वास्थ्य सेवाएँ मिलीं, जागरूक बेटी स्वस्थ बेटी अभियान से 9,323 बालिकाओं को स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी लाभ मिला है। इसके अलावा, रूट्स फॉर चेंज कार्यक्रम के तहत इस वर्ष 25,000 पेड़ लगाए जा रहे हैं।”
फाउंडेशन ने हाल ही में ‘टेक उड़ान’ नामक नई पहल भी शुरू की है, जिसके तहत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के बच्चों को डिजिटल शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए एक डिजिटल बस तैयार की गई है, जिसमें कंप्यूटर, इंटरनेट और प्रशिक्षित शिक्षक मौजूद रहेंगे। इस पहल के माध्यम से छात्रों को बेसिक कंप्यूटर ज्ञान, इंटरनेट सुरक्षा, प्रारंभिक कोडिंग और डिजिटल संचार के साधनों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की और पौधारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में योगदान करने का संकल्प लिया।