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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 30 अक्टूबर। फरीदाबाद की एक कंपनी का छह माह से छोटे बच्चों के लिए बनाए गए इंफेंट मिल्क पाउडर का सैंपल फेल हो गया है। जिसके बाद कंपनी को इस प्रोडेक्ट को बाजार से हटाने के आदेश दिए गए हैं। फरीदाबाद की इस कंपनी के प्रोडेक्ट विश्व के 20 देशों में भी होते हैं। इस बीच कंपनी ने आरोप लगाया है कि उनके प्रोडेक्ट में कोई खामी नहीं है और इस प्रोडेक्ट को फेल करवाने के पीछे विदेशी साजिश है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के फरीदाबाद आईएमटी क्षेत्र की न्यूट्रिमेड हेल्थ केयर कंपनी के छह माह तक के बच्चों के लिए बनाए गए इंफेंट मिल्क पाउडर का सैंपल फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की जांच में अनसेफ पाया गया है। विभाग ने लैब रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा है। साथ ही, उस बैच के उत्पादों को बाजार से तुरंत हटाने के भी आदेश दिए हैं।
प्रशासन व अभिभावकों में चिंता
फूड एंड सेफ्टी विभाग के अधिकारी डॉ. पृथ्वी सिंह ने बताया कि दिवाली से पहले 67 खाने-पीने के उत्पादों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें मिठाई, मावा, दूध, दही, बेसन, चटनी और इंफेंट मिल्क पाउडर शामिल थे। अब तक 18 सैंपलों की रिपोर्ट आई है, जिनमें से 3 सैंपल फेल पाए गए। इनमें मावा, बेसन और न्यूट्रिमेड हेल्थ केयर का मिल्क पाउडर शामिल है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों की चिंता भी बढ़ गई है, क्योंकि इस उम्र के बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है और दूषित पाउडर सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
कंपनी की प्रतिक्रिया
कंपनी के मालिक टीएन तिवारी ने कहा कि यह विदेशी कंपनियों की साजिश हो सकती है, क्योंकि न्यूट्रिमेड भारतीय मल्टीनेशनल कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। उन्होंने दोबारा जांच की मांग की है।
विभागीय नोटिस
डॉ. पृथ्वी सिंह ने बताया कि सब-स्टैंडर्ड उत्पादों के कारण बच्चों को डायरिया, संक्रमण, किडनी और लिवर संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। विभाग ने सभी संबंधित कंपनियों और दुकानदारों को नोटिस जारी किया है और 30 दिन में जवाब देने के लिए कहा है, जिस बैच के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें तुरंत बाजार से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।



