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बड़ा अपराध होने पर एसएचओ समेत बड़े अधिकारी होंगे जिम्मेदार
Bilkul Sateek News
चंडीगढ़, 6 नवंबर। हरियाणा में बदमाशों के खिलाफ 20 नवंबर तक बहुत बड़ा अभियान चलने वाला है, प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने जिलों की पुलिस को कहा है कि गोलीबारी की घटनाओं के अपराध में शामिल भगौड़े अपराधियों को फौरन जेल की सलाखों के पीछे ठूसें। जिनकी पहचान नहीं हुई है, उनकी पहचान करें। जिनकी पहचान हो गई है, लेकिन फरार चल रहे हैं उन्हें पाताल से भी ढूंढ निकालें।
जो जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं, उनकी हिस्ट्री शीट खोलें। अगर वो अपराध में सक्रिय हैं तो उनकी जमानत रद्द कराएं। अगर वे सुनियोजित तरीके से अपराध में लिप्त हैं तो उनके खिलाफ संगठित अपराध की सख्त धाराएं लगाएं। उन द्वारा अपराध से अर्जित संपत्ति को चिन्हित कर उसे जब्त करें। उन्हें प्रश्रय, संरक्षण एवं पोषित कर रहे के खिलाफ भी विधि अनुसार कठोर कार्रवाई करें।
डीजीपी ने ये भी स्पष्ट किया है कि एसएचओ और डीएसपी अपने क्षेत्र में घटित हो रहे इस तरह के अपराध को रोकने के जिम्मेदार होंगे। वे अपने इलाके के टॉप 5 क्रिमिनल की लिस्ट बनाएंगे और उन्हें जेल में ठोकेंगे।
इसी तरह हर जिले और जोन टॉप 10 क्रिमिनल की लिस्ट बनाएंगे और उन्हें जेल में ठोकेंगे। इसके लिए एसपी/डीसीपी/सीपी जिम्मेदार होंगे।
एसटीएफ राज्य के टॉप 20 क्रिमिनल की लिस्ट बनाएगा और उनके धर-पकड़ के लिए व्यापक ऑपरेशन चलाएगा।
ये सारे इन लिस्टेड क्रिमिनल्स को रोकने के लिए और उन्हें अपने अपराध के लिए कानून के प्रति उत्तरदायी ठहराने को जिम्मेदार होंगे। अगर ये आगे अपराध करते हैं तो संबंधित अधिकारी ही उत्तरदायी होंगे।
डीजीपी ने बताया कि उन्होंने आईजी क्राइम राकेश आर्य को ऑपरेशन ट्रैकडाउन के समन्वय का काम देखने को कहा है। अगर कोई सूचना देनी हो तो कोई भी इनसे मोबाइल नंबर $91 90342 90495 पर बात कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारी हैं, आपकी पहचान गोपनीय रखेंगे।
ऑपरेशन ट्रैकडाउन की सफलता के लिए हम पड़ोसी राज्यों यथा पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर एवं केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली एवं चंडीगढ़ का भी सहयोग लेंगे।



