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गुरुग्राम, 17 दिसंबर। गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐसी युवती को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने प्रेमी के मित्र पर कहने पर एक व्यक्ति पर झूठा दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पुलिस ने जांच में दुष्कर्म के आरोप को झूठा पाया। युवती ने जिसके कहने पर झूठा दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया, वह फरीदाबाद जेल में दुष्कर्म के आरोप में बंद था। जेल से बाहर आने के बाद उसने युवती के साथ मिलकर अपने ऊपर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता के पति के खिलाफ साजिश रची और अपने ऊपर लगे केस को वापस लेने और धन ऐंठने के लिए झूठा रेप का आरोप युवती द्वारा लगवाया। युवती पहले भी एक युवक पर रेप का आरोप लगा चुकी है और वह जेल मंे बंद है, जिससे वह जेल में भी मिलने गई थी और वहां पर आरोपी ने उसे शादी के प्रपोज किया था, जिसे युवती ने स्वीकार कर लिया था।
अभियोग का संक्षिप्त विवरणः पुलिस थाना डीएलएफ फेज-2 को एक युवती स्थायी पता राजस्थान वर्तमान निवासी दिल्ली ने 11 दिसंबर को एक लिखित शिकायत में बतलाया कि उसने एक ऑनलाइन जॉब पोर्टल पर नौकरी के लिए प्रोफाइल बनाई थी। इसी दौरान एक मोबाइल नंबर से संपर्क करके 15 नवंबर को दोपहर 2 बजे उसे नौकरी के इंटरव्यू के बहाने एमजी रोड मेट्रो स्टेशन पर बुलाया गया। एक युवक ने ऑफिस की गाड़ी बताकर उसे उसमें बैठाया। गाड़ी अजय नामक एक अन्य युवक चला रहा था। वे लोग पहले उसे इंटरव्यू कराने के लिए एमजीएफ मेट्रोपोलिटन मॉल ले गए। फिर वापस गाड़ी में बैठकर उसके साथ गाड़ी में दुष्कर्म किया गया और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। प्राप्त शिकायत पर पुलिस थाना डीएलएफ फेज-2 में धारा 351(3), 64(1), 79 बीएसएन के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस जांच में सामने आए तथ्यः इस मामले की जांच के दौरान पुलिस द्वारा घटनास्थल, समय, कॉल डिटेल, तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य तथ्यों का विश्लेषण किया गया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपी जितेंद्र/बिट्टू ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर पूर्व नियोजित साजिश के तहत झूठी व मनगढ़ंत कहानी तैयार कर रुपये ऐंठने और अपने खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले की पीड़िता पर दबाव बनाने के उद्देश्य से उसके पति के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया था। पुलिस जांच में शिकायतकर्ता युवती द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी, बल्कि उपलब्ध साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि मामला पूरी तरह से झूठा और तथ्यहीन है।
युवती के खिलाफ ईजाद (जोड़ी) की गई धाराएंः पुलिस द्वारा इस मामले में उपरोक्त धाराओं को तर्क (हटाकर) करके युवती के ही खिलाफ अभियोग में धारा 308 (2), 308 (4), 3(5), 217, 61 बीएसएन ईजाद (जोड़ी) की गई।
गिरफ्तारीः शिकायतकर्ता युवती द्वारा फर्जी मामला दर्ज कराने के आरोप में उसको 14 दिसंबर को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया और 15 दिसंबर को अदालत के समक्ष पेश करके 2 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया।
युवती से पूछताछः आरोपी युवती से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उसने अभिषेक नामक युवक के खिलाफ इस साल जुलाई में दुष्कर्म का मामला थाना सेक्टर-14 में दर्ज कराया था। जिसमें अभिषेक जेल में बंद है। जेल में बंद अभिषेक ने उसको शादी करने के लिए हां की तो वह उससे बातचीत करने लगी। अभिषेक की मुलाकात जेल में एक बिट्टू नामक व्यक्ति से हुई। बिट्टू जमानत पर जेल से बाहर आ गया और अभिषेक के कहने पर युवती बिट्टू से मिली। फिर बिट्टू के कहे अनुसार युवती ने रुपये ऐंठने के इरादे से झूठा मामला दर्ज करवाया। युवती ने जिस व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं, उसकी पत्नी ने बिट्टू के खिलाफ थाना सोहना में दुष्कर्म करने का मामला दर्ज करवाया हुआ है। जिस मामले में पहले जितेंद्र उर्फ बिट्टू पुत्र ऋषि निवासी गांव पावटा जिला फरीदाबाद जेल में बंद था। बिट्टू ने बदला लेने के लिए और अपने मामले की पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए तथा रुपये ऐंठने के लिए युवती के साथ मिलकर साजिश रची और साजिशनुसार झूठा मामला दर्ज करवाया।
रिकॉर्डः आरोपी युवती के रिकॉर्ड के अवलोकन से यह भी ज्ञात हुआ कि उसने दुष्कर्म का एक अन्य मामला इस साल जुलाई में थाना सेक्टर-14 में भी दर्ज कराया था।
पुलिस का संदेशः गुरुग्राम पुलिस सभी को यह सुनिश्चित कराती है कि झूठे व मनगढ़ंत मामलों से न केवल पुलिस संसाधनों का दुरुपयोग होता है, बल्कि वास्तविक पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है, इसलिए कानून का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ गुरुग्राम पुलिस तत्पर कार्यवाही करेगी और उनको उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रभावी पुलिस कार्रवाई अपनाएगी।



