
नूंह : खान एवं भूविज्ञान विभाग नें नूंह जिले के रवा गांव में अवैध खनन को लेकर कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित उन ख़बरों को निराधार बतया है, जिनमें दावा किया जा रहा है कि इससे राज्य के खजाने को 2200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस संबंध में किए जा रहे दावे तथ्यों से परे हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से 2002 से गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूहं जिलों में अरावली क्षेत्र में खनन पर प्रतिबंध है। इस क्षेत्र में हरियाणा और राजस्थान के बीच सीमा को लेकर अंतर-राज्यीय विवाद भी है जिसका लाभ राजस्थान के खान पट्टाधारक उठा रहे हैं और हरियाणा के अंदर अतिक्रमण कर रहे हैं।
इस संबंध में, खान एवं भूविज्ञान कार्यालय, गुरुग्राम/नूंह की और से फिरोजपुर झिरका पुलिस स्टेशन और हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो में समय-समय पर अब तक 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं। हाल ही में रवा में जो पहाड़ गिरा है, उसमें 6000 मीट्रिक टन पत्थर के अवैध खनन का आंकलन पाया गया, जिसकी कुल रॉयल्टी व कीमत 15 लाख रुपए आंकी गई है।
इस मामले में 23 दिसंबर 2024 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। इसके अतिरिक्त, जिस पहाड़ के खिसकने बारे समाचार पत्रों में आया है, उस बारे विभाग की सर्वेक्षण टीम द्वारा बताया गया है कि वह पहाड़ राजस्थान की सीमा में है तथा इस बारे राजस्थान द्वारा पहले ही एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।