
गुरुग्राम, 8 फरवरी। फर्जी ई-वे बिल बनाकर करोडों रुपये की जीएसटी की चोरी करने के मामले में केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर आयुक्तालय (सीजीएसटी) गुरुग्राम की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया है।
आरोपी ने 243 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए थे। इन फर्जी बिल के माध्यम से 37.54 करोड़ रुपये जीएसटी की चोरी का अनुमान है। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिए गया है।
सूत्रों से पता चला कि जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल का उपयोग करते हुए डेटा एनालिटिक्स के आधार पर उन फर्मों का एक सिंडिकेट उजागर किया है, जिन्होंने जाली दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी पंजीकरण प्राप्त किया और विशेष रूप से एक ही पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग किया। जांच में पता चला कि आरोपी ने बारह फर्मों की स्थापना की और उनका संचालन किया, जिनके विभिन्न मालिक और निदेशक थे। इन बारह फर्मों ने कुल 243 करोड़ रुपये के कर बिल जारी किए, जिसमें 37.54 करोड़ रुपये का इनपुट-टैक्स-क्रेडिट शामिल था।अधिकारियों का कहना है कि मास्टरमाइंड ने बयान में अपनी भूमिका स्वीकार की। इसके बाद छह फरवरी को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69(1) के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सीजीएसटी सहायक आयुक्त कल्याण सिंह गुरुग्राम ने बताया कि विभाग की ओर से मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया जा चुका है। उससे जुड़ीं अन्य कंपनियां भी रडार पर हैं। जल्द ही अन्य खुलासा किया जाएगा।