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मार्बल मार्केट की 61 दुकानों को सेक्टर-34 स्थित मार्बल मार्केट में स्थानांतरित करने की तैयारी की जा रही है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के मुख्य प्रशासक डॉ. चंद्रशेखर खरे ने इस सिलसिले में एचएसवीपी की प्रशासक, संपदा अधिकारी दो और अधीक्षक अभियंता को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अधीक्षक अभियंता को निर्देश जारी किए हैं कि इस मार्केट को स्थानांतरित करने के लिए अतिशीघ्र इस्टीमेट बनाया जाए।
गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) को ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के तहत मेट्रो डिपो तैयार करने के लिए सेक्टर-33 में करीब 55 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। करीब नौ एकड़ जमीन में मार्बल मार्केट है। इसमें 61 दुकान बनी हुई हैं। साल 2014 में सेक्टर-33 और 34 में मार्बल मार्केट को विकसित करने की योजना एचएसवीपी ने तैयार की थी। मेट्रो डिपो के तहत मांगी गई जमीन में से 37.19 एकड़ जमीन खाली है। करीब तीन एकड़ जमीन में 66केवीए क्षमता का बिजली घर बना हुआ है। बची जमीन के अधिग्र्रहण का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक डॉ. चंद्र्रशेखर खरे के पास जीएमआरएल के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार है। डॉ. खरे ने एचएसवीपी अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि सेक्टर-33 की मार्बल मार्केट की दुकानों को सेक्टर-34 की मार्बल मार्केट में स्थानांतरित की जाए। इस मार्केट को स्थाानांतरित करने से पूर्व इस्टीमेट बनाकर यहां विकास कार्य करवाए जाएं, जिससे मार्बल व्यापारियों को स्थानांतरण के दौरान किसी तरह की असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़े। बता दें कि सेक्टर-33 और सेक्टर-34 की मार्बल मार्केट आमने-सामने हैं। ऐसे में स्थानांतरण के दौरान व्यापारियों को अधिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। शीतला माता रोड और एमजी रोड पर गांव सिकंदरपुर में चल रही मार्बल मार्केट को हटाकर व्यापारियों को इस मार्केट में स्थानांतरित किया गया था।
सेक्टर-101 में मेट्रो डिपो तैयार करने की योजना थी
राइट्स की तरफ से तैयार की गई डीपीआर के तहत सेक्टर-101 में करीब 12 एकड़ में मेट्रो डिपो तैयार करने की योजना बनाई थी। हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (एचएमआरटीसी) अधिकारियों ने बाद में जांच में पाया था कि सेक्टर-101 की जमीन वैट लेंड है। दलदली जमीन होने के कारण यहां मेट्रो डिपो का निर्माण नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा यह भी पाया गया था कि यह जमीन मेट्रो डिपो के लिए अपर्याप्त है। मेट्रो डिपो की जगह पर कर्मचारियों के आवास, ट्रेनिंग सेंटर, पुलिस चौकी आदि का निर्माण किया जाएगा।