शहीदों का सम्मान
शहादत की गाथा सिलेबस में डालने की मांग
Bilkul Sateek News
फरीदाबाद अजय वर्मा, 23 नवंबर। फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में आज अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद द्वारा हर साल की तरह वीर सैनिकों की शहादत को याद किया गया और 100 से ज्यादा सैनिकों और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया तथा उनकी शहादत को याद किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित कर्नल गिरधारी सिंह और 23 नवंबर 1962 को भारत चीन युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए उनके बेटे सेकेंड लेफ्टिनेंट छत्रपति सिंह की 63वीं जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। वहीं, उनके परिजनों को भी सम्मानित किया गया और उनकी वीरता और शहादत पर चर्चा की गई। वहीं, इस मौके पर फरीदाबाद जिले से पूर्व सैनिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद से रिटायर्ड सूबेदार मेजर जयचंद ने बताया कि आज हमने बल्लभगढ़ में वीर चक्र विजेता कर्नल गिरधारी सिंह और 1962 की लड़ाई में शहीद हुए उनके बेटे छत्रपति सिंह की 63वीं बरसी मनाई है। जिसमें 100 से ज्यादा वीर सैनिकों और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी सरकार से प्रार्थना की थी कि इन वीर सैनिकों की शहादत की गाथा सिलेबस में डाली जाए ताकि देश के युवाओं में भी देशभक्त की भावना जाग सके।
इस कार्यक्रम में पहुंची शहीद कर्नल गिरधारी सिंह की पुत्रवधू मंजू सिंह ने बताया कि आज शहीद दिवस के रूप में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें मेरे ससुर वीर चक्र विजेता कर्नल गिरधारी सिंह और 1962 की लड़ाई में शहीद हुए मेरे जेठ सेकेंड लेफ्टिनेंट छत्रपति सिंह की शहादत को याद करने के लिए अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि आज हमारी नई पीढ़ी नशे की ओर जा रही है। इसके लिए हमें बड़े स्तर पर काम करना पड़ेगा, क्योंकि युवा ही हमारे देश का भविष्य है। वहीं, उन्होंने कहा कि आज जगह-जगह शराब की दुकान खुल रही हैं जिससे सरकार को रेवेन्यू जरूर मिलता है, लेकिन हम सरकार से मांग करते हैं कि देश के भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए।
इस अवसर पर चीन युद्ध में शहीद हुए सेकेंड लेफ्टिनेंट छत्रपति सिंह के भतीजे उधम सिंह आधान ने वाइट कालर डॉक्टर आतंकवाद को लेकर चिंता जताई और कहा कि किन हालातों में वह ऐसा कर रहे हैं और उनकी क्या मानसिकता है इस बार सोचने की जरूरत है।



