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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 10 जून। फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल (बीके अस्पताल) में एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा 70 से 80 लोगों की हार्ट सर्जरी का मामला सामने आया है। आरोप है कि डॉ. पंकज मोहन ने अपने हमनाम डॉक्टर के नाम का दुरुपयोग कर नौकरी प्राप्त की थी। तीन मरीज़ों की मौत के बाद मामला प्रकाश में आया, जिसके बाद हड़कंप मच गया है। डॉक्टर पर धोखाधड़ी और फर्जी बिलिंग के भी आरोप हैं। फिलहाल इस मामले में डीसीपी NIT मकसूद अहमद ने बताया की पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है जांच पूरी होने के बाद जो भी साक्ष्य सामने आएंगे उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी से सटे फरीदाबाद के बीके अस्पताल में ‘किडनी गैंग’ जैसा मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर को हटा दिया है। इस डॉक्टर की पहचान डॉ. पंकज मोहन के रूप में हुई है। आरोप है कि उसने हमनाम डॉक्टर के नाम का दुरुपयोग कर कॉर्डियोलॉजिस्ट की नौकरी पाई और सर्जरी करके लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया। हैरानी की बात तो यह है की ना तो इसकी भनक फरीदाबाद सिविल सर्जन और बादशाह खान सिविल अस्पताल की PMO को लगी।
2018 में शुरू हुआ था हार्ट सेंटर
जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार का मेडिट्रीना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध हुआ था। इस अनुबंध के तहत साल 2018 में बीके अस्पताल में पीपीपी मोड पर हार्ट सेंटर शुरू किया गया था। इस सेंटर में पिछले साल जुलाई में डॉ. पंकज मोहन की नियुक्ति हुई थी। हालांकि उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद इसी साल फरवरी में उन्हें हटा भी दिया गया था। डॉ. पंकज पर बीपीएल, आरक्षित श्रेणी और आयुष्मान भारत योजना के तहत भी फर्जी बिल लगाकर धोखाधड़ी का आरोप है।
डॉक्टर का नहीं हुआ वैरिफिकेशन
बीके अस्पताल के हार्ट सेंटर में डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर हरियाणा सरकार और मेडिट्रीना हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए अनुबंध में डॉक्टरों के वैरिफकेशन की बात कही गई थी। प्रावधान किया गया था कि इस अस्पताल में किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति से पहले उसका प्रधान चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में वैरिफिकेशन कराया जाएगा। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने एमबीबीएस डॉ. पंकज मोहन शर्मा की नियुक्ति कर ली और वैरिफकेशन नहीं कराया।
वहीं, इस मामले में शिकायतकर्ता संजय गुप्ता ने बताया कि उन्हें मेडिट्रिना हार्ट सेंटर में पंकज मोहन नाम के डॉक्टर के फर्जी होने की सूचना मिली थी। जिसने असली डॉक्टर पंकज मोहन के नाम का फायदा उठाकर अपने पंकज मोहन डॉक्टर होने के कागज लगाकर मेडिसिन हार्ट सेंटर में न केवल नौकरी प्राप्त की बल्कि 70 से 80 ऑपरेशन कर डाले, जिनमें से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस मामले में उन्होंने अपने स्तर पर फर्जी डॉक्टर पंकज मोहन के साक्ष्य जुटाए। साक्ष्य के सामने आने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत 3 नंबर पुलिस चौकी और फरीदाबाद के सिविल सर्जन को दी, लेकिन शिकायत मिलने के बाद भी ना तो सिविल सर्जन की तरफ से और ना ही पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई की गई। जिसकी शिकायत उन्होंने आज डीसीपी एनआईटी को मिलकर दी है। डीसीपी ने उन्हें जल्द से जल्द जांच कर फर्जी डॉक्टर पंकज मोहन के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
उधर, इस मामले में बादशाह खान सिविल अस्पताल की पीएमओ सत्येंद्र वशिष्ठ ने बताया कि उन्हें तीन नंबर पुलिस चौकी से जानकारी मिली थी पुलिस ने उनसे डॉक्टर पंकज मोहन के कागज मुहैया कराने की मांग की थी उनकी तरफ से पुलिस को कागज मुहैया करा दिए गए हैं पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
इधर, इस मामले में डीसीपी एनआईटी मकसूद अहमद ने बताया कि पुलिस को शिकायतकर्ता संजय गुप्ता द्वारा बादशाह खान सिविल अस्पताल में चल रहे मेडिट्रिना ग्रुप के हार्ट सेंटर में फर्जी डॉक्टर पंकज मोहन द्वारा फर्जी कागजात पेश कर नौकरी प्राप्त करने और 70 से 80 सर्जरी कर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने की शिकायत प्राप्त हुई है। जिस पर पुलिस बारीकी से कागजों की जांच कर रही है। जांच के बाद जो भी निकल कर आएगा उसके हिसाब से उचित कानून कार्रवाई की जाएगी।