
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 30 मार्च। गुरुग्राम के पटौदी में पुलिस के रवैये से नाराज परिजनों ने दिल्ली पुलिस के पूर्व कर्मी की लाश को उठाने से इनकार कर दिया है। पूर्व कर्मी ने प्रॉपर्टी विवाद के चलते आत्महत्या कर ली थी। आक्रोशित परिजनों के साथ ग्रामीण पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। वे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं और कई घंटे से सीपी आवास के बाहर डटे हुए हैं।
वहीं, पटौदी के एसीपी सुखबीर लोगों को समझाने पहुंचे और उनसे बात की, लेकिन परिजन व ग्रामीण आरोपियों को पकड़ने की मांग पर अड़े रहे। उनका कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक वे लाश नहीं उठाएंगे। मृतक वेदप्रकाश दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त है और करीब 10 साल पहले वीआरएस लिया था। भाई बालकिशन ने बताया कि मरने से पहले उसका भाई वेदप्रकाश मजिस्ट्रेट के सामने बयान देना चाहता था, लेकिन पुलिस ने खुद ही मोबाइल में बयान रिकार्ड कर लिए। वेदप्रकाश मूल रूप से डूंडाहेड़ा गांव का रहने वाला था और कई साल हेलीमंडी में फार्म हाउस बनाकर रहता था।
रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल वेदप्रकाश ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें उसने अपने दोस्त देवेंद्र, उसके लड़के, पुत्रवधू, पुत्रवधू के पिता और उसके दामाद पर धोखाधड़ी करके मकान बेचने का आरोप लगया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि वे उसके हिस्से के पूरे रुपये भी नहीं दे रहे हैं। बार-बार पुलिस के पास शिकायत कर चुका हूं, लेकिन पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इसलिए वह अपनी जान दे रहा है। सुसाइड नोट लिखने के बाद उसने सल्फास की तीन गोलियां निगल ली। इस मामले में उसकी पुत्रवधू के सगे फूफा ने धोखा दिया है। मरने से पहले उसने अपने भाई बालकिशन को कॉल भी किया और सुसाइड नोट वाट्सअप भी किया, लेकिन जब तक उसका भाई मौके पर पहुंचता तब तक वह जहरीला पदार्थ निगल चुका था।
वेदप्रकाश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा
बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरे विश्वासपात्र मित्र देविंदर पुत्र स्व. महाबीर सिंह, उनके पुत्र भूपेश यादव, पुत्रवधू सोनिका ने अपने दामाद आकाश निवासी व सोनिका के पिता के साथ मिलीभगत करके मेरे हिस्से की जमीन कविता अग्रोहिया को बेच दी है और मेरे हिस्से का पैसा भी हड़प लिया है। इसकी शिकायत उसने 5 मार्च को मानेसर DSP को स्पीड पोस्ट और SDM पटौदी को व्यक्तिगत रूप से दी थी। इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं उक्त जमीन पर कोई कार्य या मकान बनाकर रहना चाहता था, लेकिन भूपेश ने अपने मामा राजकरण को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल कर मुझसे मकान भी खाली करा लिया है, जिसके कारण मैं किराए के मकान में रहने को मजबूर हूं। उपरोक्त दोषियों ने मुझे आत्महत्या करने पर विवश कर दिया है, और मेरी मौत के लिए उपरोक्त सभी व्यक्ति पूर्णतया जिम्मेदार हैं। दोषियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की जाए और मेरे बच्चों को उनका हक दिलवाया जाए।
बालकिशन ने बताया कि पटौदी थाना और हेलीमंडी चौकी पुलिस पर उन्हें विश्वास नहीं है, क्योंकि उन्होंने आरोपियों से मिलीभगत कर रखी है। इसलिए वे पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाने आए हैं और जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक वे लाश नहीं लेंगे।
न्याय दिलाएंगे
मौके पर पहुंचे एसीपी पटौदी सुखबीर सिंह ने ग्रामीणों आश्वासन दिया कि सीआईए टीम आरोपियों को तलाश कर रही है। वे खुद पीड़ित पक्ष के साथ हैं और उन्हें उचित न्याय दिलवाया जाएगा। जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
घटना 27 मार्च की
घटना 27 मार्च की शाम की है, लेकिन इसका खुलासा 30 मार्च को तब हुआ, जब परिजन पुलिस कमिश्नर ऑफिस में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने पहुंचे।