
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 25 अप्रैल। डीसी अजय कुमार के दिशा निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग जिला स्तर पर अक्षय तृतीया के उपलक्ष में बाल विवाह रोकने के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
चक्करपुर गांव में महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी मुनेश की अध्यक्षता में कल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अनुपमा व पार्षद कुणाल यादव की भी उपस्थित थीं।
परियोजना अधिकारी मुनेश ने बताया कि राज्य में बड़ी संख्या में बाल विवाह आयोजित करने के लिए “अक्षय तृतीया” का अवसर चुना जाता है, जो न केवल एक प्रतिगामी सामाजिक प्रथा है, बल्कि निषेध के तहत अवैध भी है। ऐसे में जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर द्वारा जनजागरण मुहिम चलाई जा रही है। जिसमें विभिन्न जागरूकता गतिविधियों से आमजन को इस कुप्रथा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयोजन में गाँव चकरपुर में दो सौ से अधिक महिलाओं को बाल विवाह रोकने में अपनी महती भूमिका अदा करने की शपथ दिलाई तथा सभी सदस्यों द्वारा कैन्डल मार्च निकाला गया। इस दौरान विवाह कराने वाले पंडितों के साथ बैठक कर उनका सहयोग भी मांगा।
परियोजना अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है, तो वह कानूनन अपराध है। एक्ट के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत दो साल की जेल व एक लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह के आयोजन के संबंध में कोई भी व्यक्ति सूचना पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, सीटीएम, तहसीलदार, नजदीकी पुलिस थाना/चौकी, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यूसीडीपीओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, बाल विवाह निषेध अधिकारी तथा पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर 100, चाइल्ड हेल्पलान नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 और पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर भी दे सकते हैं।