गुरुग्राम नगर निगम की बैठक में छाया सफाई का मुद्दा
पांच हजार से ज्यादा सफाई कर्मी फिर भी शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल
7 घंटे तक चली नगर निगम की बैठक
गुरुग्राम के 36 वार्डों में होने चाहिए 135 सफाई कर्मी, जबकि आते है सिर्फ 20
बिजली के नंगे तार और पानी के बिलों का मुद्दा भी रहा खास गर्म
नगर निगम सदन की सामान्य बैठक में विकास से जुड़े कई अहम प्रस्ताव हुए पास
सेक्टर 18 स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान में मेयर राजरानी मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक
गुरुग्राम विधायक मुकेश शर्मा व निगमायुक्त प्रदीप दहिया भी रहे मौजूद
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम (योगेश सैनी), 12 नवंबर। गुरुग्राम नगर निगम की दूसरी बैठक में आज सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षद खासे नाराज नजर आए। नगर निगम में 5 हजार से ज्यादा सफाई कर्मी होने के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। पार्षदों की माने तो हर वार्ड में कम से कम 135 सफाईकर्मी होने चाहिए, जबकि वार्डों में सफाई के लिए आते है सिर्फ 20 ही। बाकी सफाई कर्मियों की ड्यूटी कहां लगी है इसको बताया जाना चाहिए। सभी वार्डों में सफाई का बुरा हाल है। यहां तक कि कुछ वार्डों में तो सफाई कर्मी नजर ही नहीं आते। ऐसे कर्मचारियों पर लगाम कौन लगाएगा जो तनखाह तो लेते हैं निगम से पर काम नहीं करते। इसके अलावा वार्डों में बिजली के नंगे तारों और पानी के अधिकतम बिल का मुद्दा भी गरमाया रहा। नगर निगम गुरुग्राम के सदन की सामान्य बैठक गुरुग्राम के सेक्टर-18 स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मेयर राज रानी मल्होत्रा ने की। इस दौरान शहर के विकास, बुनियादी ढांचे, स्वच्छता, नागरिक सुविधाओं और नामकरण प्रस्तावों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए।
निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि गुरुग्राम तेजी से बढ़ता हुआ शहर है और नगर निगम का दायित्व है कि प्रत्येक वार्ड में समान रूप से विकास कार्य हों। नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने और सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए निगम निरंतर कार्य कर रहा है। पार्षदों के सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि विकास कार्यों में पारदर्शिता और गति लाई जा सके। प्रदीप दहिया ने कहा कि सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि स्वीकृत प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाए। निगम की ओर से जल निकासी, सीवर मरम्मत, कचरा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के उन्नयन पर विशेष फोकस रहेगा। साथ ही नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियानों को और प्रभावी बनाया जाएगा।
वहीं, विधायक मुकेश शर्मा ने कहा कि शहर के विकास में स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। निगम स्तर पर लिए गए ये निर्णय गुरुग्राम को एक मॉडल सिटी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। राज्य सरकार द्वारा घोषित विकास योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
कई अहम प्रस्ताव पास
बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा करके उन्हें पास किया गया। इनमें सेक्टर-70, पलड़ा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण हेतु भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव पारित किया गया। सड़कों और चौकों के नामकरण से जुड़े 12 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद समिति का गठन करके उन्हें संबंधित समिति को भेजने की सहमति दी गई। कई वार्ड पार्षदों ने सफाई कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया, जिस पर अतिरिक्त सफाईकर्मियों की भर्ती पर विचार किया गया। सीवर लाइन क्षतिग्रस्त होने और जलभराव की समस्या पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए गए। खांडसा, कन्हई कॉलोनी, धनवापुर में नई सीवर लाइन व बूस्टर स्टेशन की मांग को स्वीकृति के लिए भेजा गया। सुशांत लोक में आधुनिक सामुदायिक केंद्र व सेक्टर-46 में स्पोर्ट्स क्लब स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। कादीपुर, न्यू कॉलोनी मोड़ – कोर्ट रोड, वार्ड 29 की मुख्य सड़क को मॉडल रोड में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया। अवैध डेयरियों की समस्या, विशेषकर वार्ड 8 और 26 में, पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इस पर यह भी निर्णय लिया गया कि जो डायरियां सीवर में गोबर बहाते हैं, उनके पेयजल कनेक्शन काटने के साथ ही भारी जुर्माना और सीलिंग भी की जाएगी।
वार्ड 21 में नया एमआरएफ सेंटर (कचरा निस्तारण केंद्र) स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। मोलाहेड़ा और खोखरा जोहड़ के पुनर्जीवन, अतिक्रमण हटाने और प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण से जुड़े प्रस्तावों पर सहमति बनी। फरीदाबाद से बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर कूड़ा स्वीकारने के मुद्दे पर एक सप्ताह की समयसीमा तय की गई। इसके बाद कूड़ा लाने पर रोक लगाई जाएगी। बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी बढ़ाने, कृषि भूमि पर चल रही एकेडमी व होटलों से कमर्शियल टैक्स लेने पर भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए। सैनिक विधवाओं को प्रॉपर्टी टैक्स छूट के लिए दस्तावेजी प्रक्रिया को सरल करने का भी निर्णय लिया गया।
नगर निगम की सामान्य बैठक में शहर की आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता प्रबंधन, शहरी नियोजन, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक सुविधाओं से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक आगामी वर्षों में गुरुग्राम के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण रोडमैप साबित होगी।



