
पंचकूला: हरियाणा के विकास एवं पंचायत विभाग में हुए 50 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) फरीदाबाद ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी, रिटायर्ड अनुभाग अधिकारी शमशेर सिंह, को पंचकूला स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया।
घर से बरामद हुए करोड़ों रुपये
ACB की टीम ने शमशेर सिंह के सेक्टर-26, पंचकूला स्थित घर पर छापा मारा, जिसमें अलमारी और बेड से 3 करोड़ 65 लाख 36 हजार 300 रुपये नकद और 6.5 लाख रुपये के सोने के गहने बरामद किए गए। शमशेर सिंह 30 नवंबर 2024 को चंडीगढ़ स्थित कार्यालय निदेशक, विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा से रिटायर हुए थे। अन्य गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राकेश और सतपाल के रूप में हुई है।
शिकायत के बाद हुआ खुलासा
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को 24 जनवरी 2025 को कार्यालय निदेशक, विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा से शिकायत मिली थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में मुख्य लेखा अधिकारी की लॉग-इन आईडी का दुरुपयोग कर बिना प्राधिकरण और मंजूरी के भारी राशि का बजट डीडीपीओ कार्यालय पलवल को आवंटित किया गया। यह राशि बाद में बीडीपीओ हसनपुर के माध्यम से एक निजी फर्म, मैसर्ज दीपक मैनपावर सर्विस को फर्जी बिलों के जरिए जारी की गई।
घोटाले में आरोपियों की संलिप्तता
इस घोटाले में राकेश, जो बीडीपीओ हसनपुर, जिला पलवल में लिपिक के रूप में कार्यरत था, को 25 जनवरी को गिरफ्तार किया गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 31 जनवरी तक रिमांड पर भेज दिया गया।
तीसरे आरोपी, सतपाल, जो खजाना अधिकारी कार्यालय, होडल, जिला पलवल में कार्यरत था, को भी सोमवार को गिरफ्तार किया गया।
कानूनी कार्यवाही जारी
इस मामले में एसीबी ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 43, 66-सी, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 316 (2), 316 (5), 318 (2), 318 (4), 336 (3), 338, 61 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 व 13(2)13(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया है।
आगे की जांच जारी
तीनों आरोपियों को आज फरीदाबाद कोर्ट में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में और भी सरकारी कर्मियों व निजी व्यक्तियों की संलिप्तता हो सकती है, जिसकी गहन जांच की जा रही है।
सरकारी विभागों में इस तरह के घोटाले भ्रष्टाचार की गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि और कौन-कौन इस बड़े घोटाले में शामिल हो सकता है।