
चंडीगढ़ : हरियाणा के सूचीबद्ध अस्पतालों ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) से हटने की धमकी दी है। अस्पतालों ने लंबित भुगतान, अनुचित कटौती और प्रबंधन संबंधी समस्याओं को लेकर गहरा असंतोष जताया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वे 3 फरवरी 2025 से आयुष्मान योजना के तहत सेवाएं बंद कर देंगे। इससे हरियाणा के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 8 जनवरी 2025 को अस्पताल प्रबंधकों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने लंबित बकाया राशि को तुरंत जारी करने का आदेश दिया था। हालांकि, 15 दिन बीत जाने के बाद भी अस्पतालों को कोई पर्याप्त राशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा, जो राशि प्राप्त हुई है, उसमें भी बड़ी अनुचित कटौती की गई है। यह स्थिति अस्पताल प्रबंधकों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
अस्पतालों की प्रमुख मांगें
1. लंबित बकाया राशि का तुरंत भुगतान: सभी लंबित बकाया राशि का तुरंत भुगतान किया जाना चाहिए ताकि अस्पताल अपने संचालन को सुचारू रूप से जारी रख सकें।
2.कटौती पर रोक: PPD (प्री-पेमेंट डिफरेंशियल) द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जानी चाहिए। सभी दस्तावेजों की पुष्टि के बाद पूर्व-स्वीकृति दी जानी चाहिए।
3. योजना के लिए अलग आवंटन: माननीय मुख्यमंत्री के समर्थन के बावजूद, इस योजना के लिए अलग से लगभग 2000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का उचित आवंटन किया जाना चाहिए।
4.TMS 2 पोर्टल की समस्याओं का समाधान: TMS 2 पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। जब तक इसे ठीक नहीं किया जाता, अस्पतालों को TMS 1 पोर्टल पर वापस लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए।
5. नकद सहमति फॉर्म की बहाली: हाल ही में नकद सहमति फॉर्म को वापस ले लिया गया था। माननीय मुख्यमंत्री ने इसे बहाल करने पर सहमति जताई थी। इसे तुरंत बहाल किया जाना चाहिए।
6. टीएमएस 1 भुगतान का निपटान: कई अस्पतालों के टीएमएस 1 भुगतान अभी भी लंबित हैं। रोस्टर बनाने के बाद, इन भुगतानों का निपटान किया जाना चाहिए।
7.विलंबित भुगतान पर ब्याज: विलंबित भुगतान पर ब्याज की गणना मॉल (MOU) के अनुसार की जानी चाहिए और सभी संबंधित अस्पतालों को भुगतान किया जाना चाहिए।
योजना से हटने की धमकी
अस्पताल प्रबंधकों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वे 3 फरवरी 2025 से आयुष्मान योजना के तहत सेवाएं बंद कर देंगे। इससे हरियाणा के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अस्पताल प्रबंधकों ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी।
इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन में विफलता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यह योजना गरीबों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में शुरू की गई थी, लेकिन प्रबंधन और भुगतान संबंधी समस्याओं के कारण यह अपने उद्देश्य से भटक गई है।