
‘मनोहर लाल की तरह क्या नायब सिंह भी बुजुर्गों-विधवाओं-विकलांगों की पेंशन बढ़ाने के खिलाफ हैं‘
Bilkul Sateek News
चंडीगढ़, 9 अप्रैल। जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने बीते सवा साल में बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कोई वृद्धि ना किए जाने पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जननायक जनता पार्टी के सरकार में हिस्सेदार रहते हुए 4 साल तक हर वर्ष 250 रुपये पेंशन में बढ़वाए गए लेकिन जब से भाजपा अकेले सरकार चला रही है तब से पेंशन में एक रुपये की वृदिध भी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के महीने में पेंशन मे वृद्धि लागू नहीं की गई तो मई में जेजेपी बुजुर्गों, विधवा माताओं-बहनों और विकलांग लोगों के बीच जाकर उनके हस्ताक्षर लेने का अभियान चलाएगी।
दिग्विजय चौटाला ने हैरानी जताई कि बीते वर्ष मार्च में नई सरकार बनने, फिर अक्टूबर में भाजपा की दोबारा सरकार बनने, 2025 नववर्ष, 2025-26 के बजट सत्र और अब 1 अप्रैल को नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत जैसे कई अवसर आने के बावजूद बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों की पेंशन में कोई वृद्धि करने की भाजपा सरकार सोच ही नहीं रही है। उन्होंने कहा कि पिछले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कहा करते थे कि पेंशन को 3000 रुपये से ज्यादा नहीं बढ़ाएंगे, क्या यही सोच नए मुख्यमंत्री नायब सैनी की है? उन्होंने कहा कि क्या नायब सैनी को डर है कि पेंशन बढ़ा देने से उनके गुरु मनोहर लाल खट्टर नाराज हो जाएंगे?
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि नायब सैनी खुद को एक साधारण परिवार में जन्मे शख्स बताते हैं, इसलिए उन्हें ये ध्यान रखना चाहिए कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि से फायदा सिर्फ जरूरतमंद आम परिवारों के बुजुर्गों, विकलांगों और हमारी विधवा माताओं-बहनों को मिलेगा। इससे लाखों परिवारों का जीवन कुछ आसान होगा और चौधरी देवीलाल के इस योजना को शुरू करने के सपने को बल मिलेगा।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हैरानी की बात यह भी है कि हरियाणा सरकार के किसी मंत्री, विधायक या भाजपा के किसी पदाधिकारी को भी इसकी जरूरत महसूस नहीं होती और विधानसभा या भाजपा की बैठकों में पेंशन पर कोई मांग नहीं उठाता। साथ ही 6000 और 7500 रुपये पेंशन देने का चुनावी वादा करने वाले राजनीतिक दल भी इस बात को बिल्कुल भुलाए बैठे हैं।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि 30 अप्रैल तक अगर पेंशन में अच्छी वृद्धि का अगर फैसला नहीं होता है तो गेहूं की कटाई खत्म होते ही मई में जेजेपी कार्यकर्ता गांव-गांव और शहरों में जाकर पेंशन पाने वाले बुजुर्गों, महिलाओं और विकलांगों से मिलेंगे और उनके पेंशन वृद्धि के मांगपत्र पर हस्ताक्षर लेने का अभियान चलाएंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन कर बुजुर्गों-महिलाओं-विकलांगों को उनका हक दिलवाएंगे।