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Bilkul Sateek News : बदलते दौर में आजकल बच्चे अपना ज्यादातर समय मोबाइल और इंटरनेट पर बिताते हैं। ऑनलाइन गेम्स, वीडियो और सोशल मीडिया प्लेटफार्म उनकी दुनिया का अहम हिस्सा बन गए हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह लत बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कितनी खतरनाक है?
रिसर्च फर्म ‘रेडसियर’ के मुताबिक भारतीय यूजर्स हर दिन औसतन 7.3 घंटे अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन पर बिताते हैं। इसमें से अधिकतर टाइम वे सोशल मीडिया पर बिताते हैं। इसमें बच्चों और किशोरों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान भी उन्हें ही हो रहा है। सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से उनकी इमोशनल हेल्थ खराब हो रही है।
हाल ही में हुए कई अध्ययनों से पता चला है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट की लत बच्चों की याददाश्त को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। इसके साथ ही, बच्चों में मोटापा, तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने के कारण लोगों की नींद नहीं पूरी हो रही है। इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे उनकी याददाश्त कमजोर हो रही है और एंग्जाइटी, डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।
डॉक्टरों की चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि सोशल मीडिया की लत बच्चों के लिए सिगरेट और शराब की तरह ही खतरनाक है। यह बच्चों के दिमाग के विकास को प्रभावित करती है और उनकी सोचने-समझने की क्षमता को कम करती है।
माता-पिता के लिए सलाह
- अपने बच्चों को सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए समय सीमा निर्धारित करें।
- बच्चों को आउटडोर गेम्स और गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें।
- बच्चों के साथ बातचीत करें और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें।
- अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा सोशल मीडिया का आदी हो गया है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
बच्चों के लिए सलाह
- सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल सिर्फ जानकारी और मनोरंजन के लिए करें।
- अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं।
- आउटडोर गेम्स और गतिविधियों में भाग लें।
- अगर आपको किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो अपने माता-पिता या शिक्षक से बात करें।