
5 साल का पैंथर बना आतंक का पर्याय
खदाना मोहल्ले में जान बचाकर भागे लोग
31 दिन से आरआर कॉलेज में मचा रखी थी दहशत!
दो घंटे जनाना अस्पताल के पास रहा छिपा
वन मंत्री के घर के पास तक पहुंचा
कुल 3 घंटे तक चला रेस्कयू
वन विभाग ने कंपनी बाग के अंदर किया ट्रेंकुलाइज
Bilkul Sateek News
अलवर, 31 दिसंबर। 31 दिन से यहां के आरआर कॉलेज में आतंक का पर्याय बने पैंथर को आज आखिरकार वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर ही लिया। पैंथर कॉलेज से निकल कर सुबह लगभग 8 बजे खदाना मोहल्ले में पहुंच गया और गली में बातचीत कर रहे लोगों के बीच कूद गया। जिससे वहां लोगों में हड़कंप मच गया और वे चीखते चिल्लाते इधर-उधर भागते नजर आए। इस पैंथर को वन मंत्री के घर के आसपास भी देखा गया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि आज सुबह सर्द हवाओं के बीच जब खदाना मोहल्ले में लोग इधर-उधर आ जा रहे थे तभी एक पैंथर उनके बीच में से तेजी से कूदता फांदता हुआ निकला। जिससे लोगों की एकबारगी को जान ही निकल गई। वे डर के मारे चीखने-चिल्लाने लगे और इधर-उधर भागने लगे। लोगों की चीख-पुकार से घबराकर पैंथर जनाना अस्पताल के पास जा छुपा। वन विभाग की टीम ने उसे वहां ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की। परंतु आसपास घनी आबादी होने के कारण वन विभाग की टीम को सफलता नहीं मिली। लगभग दो घंटे तक पैंथर वहीं छुपा रहा। बढ़ते शोर की वजह से पैंथर वहां से निकलकर कंपनी बाग में जा कूदा। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से कंपनी बाग से लोगों को बाहर निकाला। लगभग एक घंटे के प्रयास के बाद वन विभाग पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर पाई। इसके बाद सभी लोगों ने राहत की सांस ली।
अलवर के डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि उन्हें जनाना अस्पताल के पास पैंथर के होने की सूचना मिली थी। वे अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे। सूचना पर पुलिस टीम के साथ पहुंचे डीएसपी अंगद शर्मा भी वहां पहुंचे। जनाना अस्पताल के आसपास घनी आबादी होने की वजह से पैंथर को ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाई। धीरे-धीरे शोर बढ़ रहा था जिससे घबराकर पैंथर वहां से निकलकर कंपनी बाग के अंदर जा घुसा। जिसके बाद पुलिस की मदद से लोगों को वहां से निकाला गया। इसके बाद वन विभाग की टीम एक घंटे की मशक्कत के बाद पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर पाई।
उन्होंने बताया कि पैंथर नर है और उसकी उम्र पांच साल है। एक प्रश्न के उत्तर में डीएफओ हुड्डा ने कहा कि 31 दिन से राज ऋषि महाविद्यालय के कॉलेज के जंगलों में घूम रहे पैंथर और इसकी पहचान लगभग एक जैसी ही लग रही है। इसका पता लगाने की कोशिश करेंगे कि आरआर कॉलेज वाला पैंथर और ये वाला पैंथर क्या एक ही हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गए पैंथर को हम यहां से 40-50 किलोमीटर दूर सरिस्का से लगते घने जंगलों में छोड़ेंगे।