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गुरुग्राम, 23 मई। गुरुग्राम जिले के उपायुक्त कार्यालय में कार्यरत एक कर्मी से 4.93 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। चार महीने तक भटकने के बाद कर्मी की एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, पुलिस का कहना है कि कर्मी के पते का इश्यू था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फर्रुखनगर तहसील के गांव महचाना निवासी कंवरपाल सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि 20 जनवरी 2025 को उसे एक ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म मंत्रा के कथित हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर एक पार्सल की डिलीवरी की पुष्टि के लिए गूगल-पे के माध्यम से भुगतान किया था। कंवरपाल सिंह ने बताया कि पार्सल उसी दिन दोपहर 3.35 बजे प्राप्त हो गया। पार्सल प्राप्ति के दो दिन बाद 22 जनवरी को दोपहर 2.11 बजे उसके बैंक खाते से 4 लाख 93 हजार रुपये बिना उनकी जानकारी के ट्रांसफर हो गए। कंवरपाल उस समय मिनी सचिवालय में अपने कार्यालय में ड्यूटी पर था।
अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी मिलते ही कंवरपाल ने तुरंत सेक्टर-15 स्थित एक्सिस बैंक शाखा में जाकर अपना खाता बंद करवाया। उसके बाद उसने राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज की। शिकायत के बावजूद उसकी केवल 10 हजार रुपये की राशि होल्ड हो पाई।
इसके बाद पुलिस के पास वह चक्कर काटने लगा, लेकिन साइबर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। उसने थकहार कर सीएम विंडो पर शिकायत दी। चार दिन पहले तक एफआईआर नहीं हुई थी तो अपने सीनियर के माध्यम से कंवरपाल ने रिमाइंडर भिजवाया। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
वहीं, इस बारे में साइबर थाना वेस्ट के एसएचओ संदीप का कहना है कि संबंधित शिकायत में एड्रेस का ईश्यू था। इसके अलावा शिकायतकर्ता की तरफ से पूरी जानकारी नहीं दी गई थी। साइबर क्राइम से संबंधित किसी भी केस में छानबीन के लिए सारी जानकारी चाहिए होती है। अब मामला दर्ज कर लिया गया है और गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पाया कि ठगों ने संभवतः फिशिंग या अन्य साइबर तकनीकों का उपयोग कर शिकायतकर्ता के बैंक खाते तक पहुंच बनाई। पुलिस के अनुसार यह साइबर ठगी का एक सुनियोजित मामला प्रतीत होता है, जिसमें ठगों ने संभवतः फर्जी हेल्पलाइन नंबर और भ्रामक संदेशों का उपयोग कर कंवरपाल को धोखा दिया।