
दशहत में जी रहे लोगों ने कहा, हमारे ऊपर से गुजर कर जाएगा बुलडोजर
Bilkul Sateek News
फरीदबाद (अजय वर्मा), 4 जुलाई। बड़खल विधानसभा में स्थित गैर मुमकिन पहाड़ पर दशकों से बसी नेहरू कॉलोनी को पिछले हफ्ते प्रशासन द्वारा गैर कानूनी करार देते हुए नोटिस चिपकाए गया है कि यह जगह पुनर्वास विभाग की है। इसलिए 10 जुलाई तक इसे खाली कर दिया जाए नहीं तो प्रशासन बलपूर्वक तोड़फोड़ करते हुए कब्जा हासिल करेगा।
आपको बता दें, इस नोटिस के बाद यहां बसे लगभग 5000 परिवार अपने आशियाने जाते देख रोष और गुस्से में है और सड़कों पर उतरकर जाम भी लगा चुके हैं। जिसके चलते क्षेत्र के भाजपा विधायक धनेश अदलखा ने उन्हें आश्वासन दिया था कि यह कॉलोनी नहीं टूटने दी जाएगी, लेकिन लोगों में डर है कि अभी तक नोटिस हटाए नहीं गए हैं, ऐसे में हजारों लोगों के मन में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि वह यहां दशकों से बसे हुए हैं और उनके आधार कार्ड पैन कार्ड वोटर आईडी कार्ड बिजली के बिल सब मौजूद हैं। यहां तक की सरकारी ट्यूबवेल भी पानी के लिए लगे हुए हैं ऐसे में अब उनकी कॉलोनी एकदम अवैध कैसे हो सकती है।
जैसे-जैसे नोटिस में दी गई तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे लोगों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है। पिछले कई दिनों से आज भी स्थानीय निवासियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए साफ किया है कि वह मर जाएंगे, लेकिन यहां से कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक दिए गए नोटिस को निरस्त नहीं किया गया है, जबकि विधायक ने आश्वासन जरूर दिया है लेकिन लोगों को विश्वास नहीं हो रहा इसलिए अगर तोड़फोड़ दस्ता यहां आया तो वह जेसीबी मशीनों के सामने लेट जाएंगे, फिर उनके ऊपर से जेसीबी चढ़कर बेशक प्रशासन बस्ती तोड़कर चला जाए। महिलाओं का कहना था कि अब वह अपने बच्चों को लेकर कहां जाएंगी, जबकि वोट लेने के लिए सभी पार्टियों यहां पर हाथ जोड़कर आती रही है। उनका कहना था कि आज हम बिना रोटी पानी खाए भीषण गर्मी में परेशान है और और उनकी नींद भी खराब हो चुकी है। महिलाओं का कहना था कि हम यही रहेंगे और यही मरेंगे।
आपको बता दे स्थानीय प्रशासन के मुताबिक यह कॉलोनी गैर मुमकिन पहाड़ पर पिछले कई दशकों से बसी हुई है और जहां लगभग 5000 परिवार रहते हैं, जिनके पास तमाम आईडी प्रूफ और डॉक्यूमेंट हैं। प्रशासन के मुताबिक यह जमीन पुनर्वास विभाग की है जिसे 10 जुलाई तक खाली करने का आदेश दिया गया है। लेकिन सवाल उठता है कि जब दशकों पहले यह कॉलोनी बस रही थी तब प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की? अब देखना होगा 10 जुलाई को प्रशासन का क्या रुख रहेगा।