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गुरुग्राम, 20 अगस्त। गुरुग्राम जिला नगर निगम और मेकिंग मॉडल ने शहर के कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण बैठक की। निगमायुक्त प्रदीप दहिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लैंडफाल संकट के समाधान पर विशेष ध्यान दिया गया। मेकिंग मॉडल गुरुग्राम की संस्थापक गौरी सरिन ने कचरे के स्रोत पर पृथक्करण को प्राथमिकता बताया।
उन्होंने बल्क वेस्ट जनरेटर्स द्वारा इन-सिटू कम्पोजिटिंग का सुझाव दिया। साथ ही जोनल स्तर पर डिसेंट्रलाइज्ड बायो-सीबीजी और मटेरियल रिकवरी केंद्रों की स्थापना की योजना प्रस्तुत की। संस्था ने 175 से अधिक आरडब्ल्यूए के फीडबैक पर आधारित समुदाय-संचालित कचरा प्रबंधन मॉडल पेश किया। इस मॉडल में नागरिक समाज और निवासियों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया गया है।
बैठक में सेक्टर-37 सी व डी की समस्याएं भी उठाई गई। इंपीरिया एस्फेरा की अध्यक्ष रिंकी सिंह और बीपीटीपी पार्क सेरेन के संदीप शर्मा ने बताया कि ऊंची इमारतों का कचरा निपटान, खराब सीवेज सिस्टम और बंद पड़े एसटीपी प्रमुख चुनौतियां हैं। सीवर लाइनों के मुख्य ड्रेनेज से न जुड़ने के कारण जलभराव की समस्या बनी हुई है।
नागरिक भागीदारी को आवश्यक बताया
निगमायुक्त दहिया ने स्वच्छ गुरुग्राम के लिए तकनीकी नवाचार और नागरिक भागीदारी को आवश्यक बताया। बैठक में जागरूकता, शिक्षा, कानूनी अनुपालन और गार्बेज फ्री सिटी की दिशा में ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया गया।