
Bilkul Sateek News
नई दिल्ली, 26 अगस्त। सिर्फ 22 साल की उम्र में पारिधि गुप्ता जिन्हें लोग नूबपरी के नाम से ज्यादा जानते हैं, भारतीय बीजीएमआई (बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया) ईस्पोर्ट्स दुनिया में अपनी खास पहचान बना रही हैं। दिल्ली की रहने वाली पारिधि न सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं बल्कि गेमिंग की दुनिया में महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बनी हुई हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 41,000 से ज्यादा फॉलोअर्स और यूट्यूब पर 75,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। नूबपरी के गेमिंग का सफर बहुत जल्दी शुरू हो गया था। 9 साल की उम्र से ही वह कंसोल गेम्स खेलती रही हैं। उन्हें बीजीएमआई से उनके भाई ने 17 जून 2021 को, जिस दिन यह गेम लॉन्च हुआ था, परिचित कराया। पहले ही मैच से वह इस खेल की रोमांचक प्रतिस्पर्धा, अच्छे प्रदर्शन और जीत की चाह से जुड़ गईं। तब से अब तक उन्होंने एक सख्त डेली शेड्यूल बना लिया है, उन्होंने दोपहर में अपनी टीम के साथ स्क्रिम्स खेलना, शाम को इंटेंस गेम मोड्स में प्रैक्टिस करना और रात को यूट्यूब पर लाइव-स्ट्रीम करके अपने फैंस से जुड़ना और उन्हें बढ़ाना शुरू कर दिया।
शुरुआत में उनका परिवार इस बात को लेकर झिझकता था कि पारिधि गेमिंग को करियर के रूप में चुने। जैसे ज्यादातर माता-पिता को चिंता होती है, वैसे ही उन्हें भी लंबे समय तक स्क्रीन पर रहने, अनिश्चित मौके और भविष्य की संभावना को लेकर सवाल थे। लेकिन जैसे-जैसे पारिधि ने अपनी पढ़ाई और गेमिंग के जुनून के बीच संतुलन बनाया, उनके माता- पिता ने उनकी लगन और अनुशासन को महसूस किया। धीरे-धीरे वे उनके सबसे बड़े समर्थक बन गए और उन्हें पूरे दिल से गेमिंग करने के लिए प्रोत्साहित करने लगे। उनके पिता अक्सर उन्हें प्रैक्टिस में लगातार बने रहने के लिए प्रेरित करते थे और साथ ही पढ़ाई के महत्व की भी याद दिलाते थे। उनकी माँ उनके लिए भावनात्मक सहारा बनीं, जो टूर्नामेंट्स के दौरान उन्हें उत्साह देतीं और रिश्तेदारों के साथ उनकी उपलब्धियाँ गर्व से साझा करतीं।
पारिधि कहती हैं, “जब मेरे माता-पिता ने समझ लिया कि मैं ईस्पोर्ट्स को करियर बनाने को लेकर कितनी गंभीर हूँ, तो वे मेरे साथ मजबूती से खड़े हो गए।” नूबपरी के करियर का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्हें पूरे देश से चुनी जाने वाली इकलौती महिला गेमर के रूप में बजीएमआई के राइजिंग स्टार प्रोग्राम में शामिल होने का मौका मिला। वह कहती हैं, “यह सच होने जैसा नहीं लग रहा था कि पूरे भारत में सिर्फ मुझे चुना गया। मेरी सारी मेहनत रंग लाई और इसने मुझे और ज्यादा मेहनत करने व कंटेंट क्रिएशन में क्रिएटिव बनने के लिए प्रेरित किया, ताकि मैं ईस्पोर्ट्स में लड़कियों का प्रतिनिधित्व कर सकूँ।” बीजीएमआई के डेवलपर क्राफ्टन ने भी उन्हें भरपूर सहयोग दिया, उन्हें प्रीमियम पीसी उपकरण उपलब्ध कराए, उनके गेमप्ले को ऑफिशियल सोशल मीडिया पेजों पर प्रमोट किया और उनकी सॉफ्ट स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए विशेष सेशन्स आयोजित किए।
नूबपरी, तक्ज रीबल्स नाम की ऑल-गर्ल्स टीम का अहम हिस्सा हैं, जिसमें उनके साथ रिमी, कोको, स्कारलेट और लूसी भी शामिल हैं। वह कहती हैं, “लड़कियों की कंपेटिटिव टीम से जुड़ना नए अवसरों को अपनाने जैसा था। भले ही इस बार हम एलएएन के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए, लेकिन यह अनुभव बहुत कीमती था और मुझे भरोसा है कि आगे और भी मौके मिलेंगे।” प्रतियोगिताओं से आगे बढ़कर, नूबपरी अपनी खुद की टीम टीम कॉस्मिक की मालिक भी हैं, जिसमें लड़के और लड़कियों का मिला-जुला लाइनअप है। यह टीम बीएमपीएस 2024 और बीजीआईएस 2025 जैसे टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन कर चुकी है। खिलाड़ी और टीम ओनर की उनकी दोहरी भूमिका ईस्पोर्ट्स कम्युनिटी में उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए, नूबपरी का लक्ष्य बिल्कुल साफ है, वह अपनी प्रतिभा और जुनून के दम पर ऑफिशियल बीजीएमआई एलएएन इवेंट्स तक पहुँचना और ईस्पोर्ट्स में महिलाओं के लिए बनी रुकावटों को लगातार तोड़ना चाहती हैं। उनका अब तक का सफर मेहनत, हुनर और गर्ल पावर की एक मजबूत कहानी है, जो भारतीय गेमिंग दुनिया को रोशन कर रही है।