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गुरुग्राम, 16 सितंबर। गुरुग्राम पुलिस ने एक कंपनी के ऐप में तकनीकी खराबी आने के बाद साइबर ठगों द्वारा 40.22 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हड़पने के आरोप में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में 2500 आरोपियों व लाभार्थियों के खातों को ब्लॉक करवाकर 8 करोड़ रुपये प्रिज करवाए हैं। पुलिस इस मामले में गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सेक्टर-53 पुलिस थाने को 13 सितंबर को वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड (डवइपज्ञूपा) के अधिकृत प्रतिनिधि ने एक लिखित शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया था कि मोबिक्विक एप्लिकेशन नामक मोबाइल-आधारित प्लेटफॉर्म के माध्यम से वे एक मोबाइल भुगतान नेटवर्क संचालित करते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को खुदरा विक्रेताओं से जोड़ता है। यह प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को भुगतान, व्यापार लेन-देन और बिल भुगतान संबंधित सेवाएं प्रदान करता है। 12 सितंबर को जब खातों का मिलान किया गया तो उसमें कुछ संदिग्ध लेन-देन मिले, जो विभिन्न मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों एवं अज्ञात व्यक्तियों और उपयोगकर्ताओं द्वारा उनके मोबिक्विक व्यापारी खातों के माध्यम से किए जा रहे थे। पहले उन्हें यह पता नहीं था कि विभिन्न मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों व उपयोगकर्ताओं द्वारा धोखाधड़ी लेन-देन करने के लिए कौन-सी तकनीक अपनाई जा रही थी। अब आरोपियों द्वारा की गई लेन-देन की जड़ तक पहुंचने पर यह तकनीक सामने आई है। सामान्य रूप से कोई भी मोबिक्विक उपयोगकर्ता (कस्टमर) यूपीआई के माध्यम से अपने मोबिक्विक वॉलेट से भुगतान करता है, या क्यूआर कोड/क्यूआर साउंडबॉक्स स्कैन करके धनराशि स्थानांतरित करता है तो मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों के खाते में राशि तभी जमा होती है जब ग्राहक का लेन-देन सफल होता है, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण, कुछ विफल लेन-देन भी व्यापारी के पक्ष में सफल दिखाए जा रहे थे। कुछ मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों (मर्चेंट) ने इस तकनीकी गड़बड़ी का अनुचित लाभ उठाया और जानबूझकर अपने क्यूआर कोड के माध्यम से ऐसे लेन-देन करवाए, जिन्हें विफल दिखाया गया, लेकिन फिर भी उन विफल लेन-देन की राशि भी उनके खातों में जमा हो गई। मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों एवं अज्ञात आरोपी व्यक्तियों का उक्त धन पर कानूनी अधिकार नहीं थे, क्योंकि उक्त धन के सभी कानूनी और वैध अधिकार शिकायतकर्ता कंपनी के पास थे, परंतु शिकायतकर्ता कंपनी को धोखा देकर आरोपी व्यक्तियों व उपयोगकर्ताओं ने अवैध रूप से धन अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया, जिससे उन्हें अनुचित लाभ प्राप्त हुआ और शिकायतकर्ता कंपनी को अनुचित हानि हुई। उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों से यह स्पष्ट है कि आरोपियों द्वारा अपने बैंक खाते में अवैध रूप से धन हस्तांतरित करने का कार्य पूरी जानकारी रखकर और धोखाधड़ी की मंशा से किया गया है। शिकायतकर्ता कंपनी की आंतरिक टीम द्वारा किए गए मिलान के अनुसार कंपनी के साथ अब तक 40,22,32,210/- रुपये की धोखाधड़ी की गई है और यह राशि आगे की जांच में बढ़ भी सकती है। प्राप्त शिकायत पर पुलिस ने धारा 318(4), 314 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने शिकायतकर्ता कंपनी के साथ ठगी करने वाले संदिग्ध आरोपियों के विवरण और उनके बैंक खातों की जानकारी एकत्रित की गई। एकत्रित की गई सूचनाएं, जानकारी, रिकार्ड के आधार पर पुलिस द्वारा करीब 2500 लाभार्थियों (जिन बैंक खातों में रुपये गए थे) के बैंक खाते फ्रिज कराए गए और तेजी से कार्रवाई करते हुए 15 सितंबर को 6 संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान रेहान निवासी नजदीक बड़ी मस्जिद गांव रेवासन, थाना रोजका मेव (मेवात), मोहमद सकील पुत्र हाजी याकूब निवासी मकान नंबर 608 थाना उटावड़ हटेडा मोहल्ला (पलवल), वकार यूनुस निवासी गांव कामेडा तहसील फिरोजपुर झिरका थाना सदर फिरोजपुर झिरका (नूंह), वसीम अकरम निवासी गांव मरोड़ा थाना नगीना (मेवात), मोहम्मद आमिर निवासी गांव कामेड़ा थाना फिरोजपुर झिरका (मेवात) और मोहम्मद अंसार निवासी गांव कामेड़ा थाना फिरोजपुर झिरका (मेवात) के रूप में हुई।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि शिकायतकर्ता कंपनी वन मोबिक्विक सिस्टम लिमिटेड के मोबिक्विक एप्लीकेशन में कोई तकनीकी खराबी होने के कारण किसी के बैंक या मोबिक्विक ऐप वैलेट में कोई भी बैलेंस हो या ना हो या फिर मोबिक्विक ऐप से की जाने वाली सभी ट्रांजेक्शन सफतलापूर्वक पूर्ण हो रही थी। मोबिक्विक ऐप का गलत पासवर्ड डालने पर भी ट्रांजेक्शन सफलतापूर्वक पूर्ण हो रही थी। कंपनी में हुई तकनीकी खराबी का कारण जानते हुए उन्हांेने अनुचित लाभ कमाने के लिए ट्रांजेक्शन करके मोबिक्विक ऐप को अनुचित हानि पहुंचाकर ठगी करने का कार्य किया।
पुलिस आरोपियों को सोमवार को अदालत के सम्मुख पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया तथा पुलिस द्वारा उपरोक्त अभियोग में अन्य आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जा रही है।



