भगवान शिव कथा में शिव-पार्वती विवाहोत्सव की रही धूम
पूर्ण सद्गुरु ही करवा सकते हैं आत्मा का परमात्मा से मिलन
Bilkul Sateek News
गुरुग्राम, 13 नवंबर। गुरुग्राम के सेक्टर 10 में यूरो इंटरनेशनल स्कूल के पास हुडा ग्राउंड में आयोजित सात दिवसीय भगवान शिव कथा के पांचवें दिन आज शिव-पार्वती विवाह धूमधाम से किया गया। कथा का आयोजन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान गुरुग्राम द्वारा किया जा रहा है।
कथा व्यास डॉ. सर्वेश्वर ने आज महापार्थिवेश्वर हिमालयराज की शक्तिस्वरूपा पुत्री पार्वती जी का भगवान शिव के संग विवाह प्रसंग प्रस्तुत किया, जो कि गूढ़ अध्यात्मिक संदेश समेटे हुए है। माता पार्वती जीवात्मा का प्रतीक हैं और भगवान शिव साक्षात् परब्रह्म परमेश्वर के। हम समस्त जीवों का उस परमात्मा के साथ मिलन किस प्रकार संभव है? जैसे नारद जी मां पार्वती के गुरु बन कर आए। ठीक ऐसे ही, हमें भी अपने जीवन में नारद जी जैसे एक ब्रह्मनिष्ठ तत्त्ववेत्ता सद्गुरु का सान्निध्य चाहिए जिनके कृपाहस्त तले हम उस ईश्वर अर्थात् शिव का साक्षात्कार कर पाएंगे।
आगे स्वामी ने बताया कि महाराज हिमवान ने पुत्री के विवाह की खुशी में असंख्य गायों का दान किया। हमारी भारतीय संस्कृति में प्रत्येक खुशी के अवसर पर गोदान की परंपरा रही है। गोदान से बढ़कर और कोई भी उत्तम दान नहीं कहा गया है। क्योंकि भारतीय नस्ल का देसी गोवंश धरा का सबसे अमूल्य धन है। हमारी देसी गाय देश की आर्थिक समृद्धि, पर्यावरण संरक्षण, अन्न उत्पादन, मानव स्वास्थ्य-रक्षण इत्यादि में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है। इसीलिए संत अरविंद जी कहते हैं कि गाय धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष व समस्त पदार्थों को प्रदान करने वाली कामधेनु के समान है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने देसी गाय के इसी महत्त्व को समझते हुए “कामधेनु” नामक अति विशिष्ट प्रकल्प चलाया जिसका उद्देश्य भारतीय नस्ल की शुद्ध-विशुद्ध देसी गाय का संवर्धन व संरक्षण करना है। इसके अंतर्गत् दिल्ली, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र इत्यादि राज्यों में विभिन्न गोशालाओं का निर्माण किया गया है जहां पर साहीवाल, थारपारकर, हरियाणवी, गीर, कांकरेज, राठी इत्यादि भारतीय नस्ल की देसी गाएं बड़ी संख्या में मौजूद हैं। संस्थान द्वारा इस प्रकल्प को चलाने के पीछे की मूलभावना यही है कि भारतीय संस्कृति और जनमानस में देसी गाय पुनः अपना गरिमामय स्थान प्राप्त कर सके। इस अवसर पर वाद्य-वृंदों ने गौ माता की महिमा में वंदन गीत गाकर श्रोताओं को निहाल किया।


कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथिगणों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की, जिनमें प्रमुख रूप से निशित कटारिया राज्य अध्यक्ष (हरियाणा युवा कांग्रेस), जयदीप धनखड़ राज्य महासचिव (संगठन) हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी, प्रदीप यादव राज्य मीडिया चेयरमैन एवं राज्य महासचिव (हरियाणा युवा कांग्रेस), संचित जिंदल निदेशक जिन्कोह पॉलिमर्स एलएलपी गुरुग्राम, अत्तर सिंह संधू राज्य उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा हरियाणा, विनय अग्रवाल गुरुग्राम, पवन सप्रा गुरुग्राम, राधेश्याम काबरा, सुनील काबरा, धर्मपत्नी के संग नवल गर्ग और सुरिंदर वशिष्ठ शामिल रहे। पांचवें दिन के यजमान विजयरपाल बेनीवाल एवं सुलेखा बेनीवाल, सतीश बिराजू एवं सिंधु बिराजू, नरेंद्र सिंह एवं संजना, राजनी देवी एवं दुर्गा देवी और अश्विन लोम्बा एवं मोनिका लोम्बा रहे। जिन्होंने भक्ति एवं श्रद्धा के साथ यज्ञ का अनुष्ठान संपन्न किया।



