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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 8 दिसंबर। देश के सबसे बड़े छात्र-आधारित नवाचार अभियान स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2025 का 8वाँ संस्करण 8 से 9 दिसम्बर तक आयोजित हो रहा है। इस सॉफ्टवेयर संस्करण में देशभर के हजारों युवा तकनीकी प्रतिभागी पहुंचे हैं। मानव रचना अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान एवं अध्ययन संस्थान (MRIIRS) हरियाणा के एकमात्र नोडल सेंटर के रूप में कृषि-केंद्रित राष्ट्रीय समस्या वक्तव्यों पर काम करने वाले छात्रों की मेजबानी कर रहा है l शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में इस वर्ष रिकॉर्ड स्तर पर भागीदारी दर्ज की गई है—271 समस्या वक्तव्यों के लिए 72,000 से अधिक विचार प्रस्तुत हुए हैं।
सॉफ्टवेयर संस्करण के ग्रैंड फिनाले के दौरान MRIIRS में देश के विभिन्न राज्यों से आए 30 टीमों के 180 छात्र छह कृषि-आधारित समस्या वक्तव्यों पर समाधान विकसित कर रहे हैं , जो कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए हैं जिनमे मुख्य तौर पर पीएमएफबीवाई के लिए वास्तविक समय फसल छवि विश्लेषण, मिलेट वैल्यू चेन का डिजिटलीकरण, गेहूं रोगों की प्रारंभिक पहचान, हाई-रिज़ॉल्यूशन मॉडल्स के माध्यम से फसल उपज का अनुमान, तकनीक-सक्षम उत्पादकता बढ़ोतरी और फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की वास्तविक समय निगरानी, जैसे विषय शामिल है l देशभर में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों संस्करणों के ग्रैंड फिनाले में 727 संस्थानों के 8,160 छात्रों की 1,360 शीर्ष टीमें भाग लेंगी, जो मंत्रालयों, राज्य विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और उद्योग साझेदारों द्वारा दिए गए 271 समस्या वक्तव्यों पर कार्य करेंगी। SIH 2025 का हार्डवेयर संस्करण अन्य नोडल केंद्रों पर 12 दिसम्बर तक चलेगा, जिसमें प्रोटोटाइपिंग और समाधान विकास किया जाएगा।
विशेष अतिथि के रूप में पहुंचे ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के निदेशक डॉ नरेश ग्रोवर ने बताया कि इस आयोजन को आप इनोवेशन मोमेंट कह सकते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री का मिशन है कि हमारा देश 2047 तक विकसित भारत बने। उन्होंने बताया कि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 का ग्रांड फिनाले मानव रचना यूनिवर्सिटी में आयोजित हो रहा है जिसमें सॉफ्टवेयर एडिशन और हार्डवेयर एडिशन के लिए टीम में सिलेक्ट हुई है जो जो पूरे भारतवर्ष से सेलेक्ट होकर युवा यहां पहुंचे हैं जो यहां डिपार्मेंट आफ एग्रीकल्चर और फॉर्म वेलफेयर की प्रॉब्लम को हैक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी विनर रहेगा उसे अवार्ड दिया जाएगा और उनकी प्रॉब्लम स्टेटमेंट को डिफरेंट मिनिस्ट्री में इंप्लीमेंट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का भारत चाहता है कि उसका भारत को विकसित बनाने के लिए आगे आए क्योंकि पूरे विश्व में आज भारत में ही युद्ध की पापुलेशन ज्यादा है वहीं उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए तकनीक के माध्यम से कृषि क्षेत्र को विकसित किया जाना है।
मानव रचना अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ संजय श्रीवास्तव और यूनिवर्सिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर उमेश दत्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 का आयोजन किया जा रहा है और हिंदुस्तान में सबसे टैलेंटेड प्रतिभागियों को नेशनल फाइनल में भाग लेने का मौका मिलता है और मानव रचना को सॉफ्टवेयर एडिशन को होस्ट करने का सौभाग्य मिला है और आने वाले समय में भारत की जो भी जटिल प्रॉब्लमस है, उनका हल बच्चे तकनीक के माध्यम से दे सके। उन्होंने कहा कि आज हम विकसित भारत के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं और यहां 30 टीम में पार्टिसिपेट कर रही हैं जिसमें हिंदुस्तान के अलग-अलग कोनों से यह टीम में आई है और क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है ऐसे में कृषि के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके हम इसे और आगे ले जा सकते हैं। यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ संजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री का मुख्य विजन और लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनाने का है जिसे हमारे युवा पीढ़ी नई दिशा और दशा दे रही है और हम देख रहे हैं बच्चों में बड़ी ऊर्जा दिखाई दे रही है और कड़ी मेहनत से वह काम कर रहे हैं जिससे किसानों और कृषि को नई दिशा मिलेगी।
उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट से हमें 6 पजेक्ट मिले हैं और इन पर सारी टीम काम कर रही हैं। कुलगुरु ने बताया कि इस प्रतियोगिता के फाइनल में जितने भी बच्चे अपनी कबीले से यहां पहुंचे हैं उन्हें सारी सुविधाएं यूनिवर्सिटी की तरफ से दी जा रही हैं।
दो दिवसीय इंडिया हैकाथॉन 2025 मे देश के कोने-कोने से पहुंचे युवाओं में ऊर्जा और जोश देखने को मिला। महाराष्ट्र से आए स्पर्श मिश्रा ने बताया कि हम ग्रैंड फिनाले में हिस्सा लेने पहुंचे हैं और हमें गवर्नमेंट से गेहूं की पैदावार को लेकर सॉल्यूशन निकालने का सब्जेक्ट दिया गया है। इसको लेकर हम ऐसी एप्लीकेशन बनाएंगे जिसके माध्यम से हर किसान अपनी गेहूं की फसल की फोटो खींच सकता है और सॉफ्टवेयर बताया कि गेहूं में बीमारी है या वह स्वस्थ है और यदि बीमारी है तो उसका हल भी बताएगा।
ग्रेटर नोएडा से आए छात्र शुभम चौबे ने बताया कि मेरा प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित है जिसको लेकर हमने किसानों के पास जाकर रिपोर्ट तैयार की है कि उन्हें बैंकों में तीन-तीन चार-चार दिन लाइनों मैं लगना पड़ता है और बिचौलियों को 20 से 30% तक देना पड़ता है। इसी समस्या को लेकर हमने मोबाइल एप बनाया है जिसके माध्यम से किसान फॉर्म भरेंगे और 10 12 दिन में उनका क्लेम हो जाएगा और साथ ही साथ यह सॉफ्टवेयर अपने आप बर्बाद फसल का ब्योरा भी तैयार करेगा।
हैदराबाद से आई छात्रा स्फूर्ति ने बताया कि हम किसने की खेती बाड़ी को आसान बनाने के लिए आए हैं। हम ऐसी मशीन बना रहे हैं जो परली की परेशानी को कम कर सकेगी क्योंकि पराली जलाने से प्रदूषण होता है और खेत भी गंदे हो जाते हैं इसके लिए हम ऐसा सॉल्यूशन ला रहे हैं जिससे प्रणाली काम हो सके और खेतों में पैदावार ज्यादा हो। वही, मुंबई से आए छात्र अनुज सिंह ने बताया कि हम कृषि के क्षेत्र में AI की मदद से सॉल्यूशन निकलेंगे।



