कोई क्षेत्र राजनीतिक रैलियों के लिए अधिक माफिक तो कहीं चर्चाओं का बाजार रहता है गर्म
कोई क्षेत्र चुनाव में रहता है साइलेंट तो कई क्षेत्रों में हवा का रुख देखकर होता है निर्णय
प्रदीप नरुला, हरियाणा
हरियाणा की राजनीति की विशेषता है कि छोटा प्रदेश होने के बावजूद भी यह प्रदेश सांस्कृतिक विरासत के हिसाब से कई क्षेत्रों में बंटा है इन क्षेत्रों की विशेषता है कि जब-जब चुनाव आते हैं अपनी विरासत और क्षेत्र के आधार पर यह एकजुट होकर किसी भी राजनीतिक दल का बेड़ा पार कर सकते हैं इतना ही नहीं इन क्षेत्रों की विशेषता है कि इनमें से कोई क्षेत्र राजनीति चर्चाओं को लेकर कोई भागीदारी को लेकर बहुत जागरुक है तो कोई साइलेंट मोड पर रहता है जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता मुख्य तौर पर हरियाणा में देशवाली, बांगर, बांगड़, नरडक, अहीरवाल,मेवात और ब्रज एरिया है इन में बांगर की विशेषता है कि यह लोग राजनीतिक रेलिया में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं जबकि बांगड राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र होता है nardak चुनाव के परिपेक्ष में साइलेंट माना जाता है
अन्य विशेषताओं को लेकर यहां जातिगत व क्षेत्रीय समीकरण भी चुनाव में साधे जाते हैं उनकी विस्तृत जानकारी इस प्रकार है
बांगड
माना जाता है कि बांगड़ एरिया में सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और चरखी दादरी जैसे क्षेत्र आते हैं यह क्षेत्र राजनीतिक चर्चा और अनुमान के लिए बहुत ही परिपक्व माना जाता है इस क्षेत्र के एक विशेषता है की हरियाणा में अधिकतर मुख्यमंत्री इसी क्षेत्र से आए हैं और लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहे हैं मुख्यमंत्री भजनलाल, चौधरी बंसीलाल, चौधरी देवीलाल, चौधरी ओम प्रकाश चौटाला,मास्टर हुकुम सिंह,भगवत दयाल शर्मा जैसे मुख्यमंत्री इसी क्षेत्र से आए हैं
बांगर
इस क्षेत्र में जींद और कैथल का एरिया आता है माना जाता है कि यहां के लोग राजनीतिक रेलिया और समारोह में बढ़-कर कर भाग लेते हैं इस एरिया का इतिहास रहा है कि जब भी कोई पार्टी हरियाणा में अपने आप को एस्टेब्लिश करने का प्रयत्न करती है तो उसकी पहली रैली इसी क्षेत्र में होती है और लोगों की भागीदारी से राजनीतिक दलों का मोरल हाई होता है
नारदक
इस एरिया में अंबाला,पंचकूला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर जैसे क्षेत्र आते हैं यह हरियाणा का सबसे संपन्न क्षेत्र माना जाता है इसमें खेती भरपूर होती है यहां के लोग राजनीतिक दृष्टि से साइलेंट मोड पर रहते हैं बीजेपी और कांग्रेस ज्यादातर इसी क्षेत्र पर फोकस करते हैं यही कारण है कि जब भी कभी किसी बड़े नेता ने सुरक्षित क्षेत्र से चुनाव लड़ना होता है तो इस क्षेत्र की किसी सीट से चुनाव लड़कर आसानी से विधानसभा या लोकसभा में पहुंच जाते हैं
देशवाली
इस क्षेत्र की विशेषता है कि यहां के मतदाता बहुत ही परिपक्व है और वह सरकार बनाने और बिगड़ने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करते हैं इस क्षेत्र में पुराना रोहतक, सोनीपत, झज्जर का कुछ इलाका, जींद और जुलाना का कुछ इलाका आता है
अहीरवाल
अहीरवाल में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी ,अटेली और गुड़गांव का कुछ हिस्सा आता है यहां के मतदाता जहां न केवल जातिगत बल्कि हवा के रुख के साथ अपना समर्थन तय करते हैं
मेवात
हालांकि मेवात हरियाणा में छोटे से हिस्से में है यहां विधानसभा की चार सीटों आती है नुह, फिरोजपुर झिरका, पुनाहना और हथीन मुख्य रूप से हैं जबकि सोहना विधानसभा का कुछ हिस्सा भी इस क्षेत्र में है यह अधिकतर क्षेत्रीय दल व कांग्रेस के समर्थन में रहते हैं यहां भाजपा को बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिलता
बृज
इस क्षेत्र में फरीदाबाद पलवल और होडल का कुछ हिस्सा आता है राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह क्षेत्र राजनीति में हवा का रुख पहचान में माहिर है गुर्जरबाहुल्य यह क्षेत्र राजनीति के लिहाज से काफी सजग माना जाता है