
ग्रामीणों व राहगीरों ने शीशे तोड़कर बच्चों को बचाया, सभी खतरे से बाहर
Bilkul Sateek News
बिलासपुर/ग्रेटर नोएडा, 24 अप्रैल। कासना कोतवाली क्षेत्र के सलेमपुर गुर्जर और बागपुर गांव के बीच बुधवार सुबह उस समय अफरातफरी मच गई। जब एमबी पब्लिक स्कूल की एक स्कूल वैन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खुले नाले में जा गिरी। इस हादसे में वैन में सवार दो शिक्षकों सहित 10 स्कूली बच्चे घायल हो गए। राहगीरों की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह वैन सुबह करीब 8 बजे आसपास के गांवों दलेलगढ़, दाऊदपुर, पीपलका और बागपुर से बच्चों को लेकर सलेमपुर स्थित एमबी पब्लिक स्कूल जा रही थी। जैसे ही वैन बागपुर और सलेमपुर गांव के बीच सड़क किनारे पहुंचे नाले के पास पहुंची, वह अचानक अनियंत्रित होकर तीन फीट गहरे पानी भरे नाले में गिर गई। हादसे के बाद वैन में सवार बच्चों में चीख-पुकार मच गई और वह दहशत में रोने लगे।
घटना के समय उसी रास्ते से गुजर रहे दलेलगढ़ गांव निवासी केहर सिंह भाटी जो ग्रेटर नोएडा की एक निजी कंपनी में मैनेजर हैं। उन्होंने स्थिति को भांपते ही तुरंत अपने ड्राइवर रविंदर के साथ मदद शुरू की। दोनों ने वैन के शीशे तोड़कर एक-एक करके बच्चों और शिक्षकों को बाहर निकाला।
वहीं पास में ही ईंट भट्ठा चलाने वाले पवन भाटी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने न सिर्फ बचाव कार्य में सहायता की। बल्कि अपनी जेसीबी मशीन मंगवाकर वैन को नाले से बाहर निकलवाया। स्थानीय लोगों की मदद से घायल बच्चों को तुरंत बिलासपुर के अख्तर हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां सभी को प्राथमिक उपचार दिया गया।
अख्तर हॉस्पिटल के डॉक्टर अख्तर ने बताया कि अस्पताल में लाए गए 10 बच्चों को हाथ, सिर और पैरों में चोट आई थी। कुछ को गुम चोटें भी लगी थीं। इनमें एक छात्रा कृतिका को सिर में गंभीर चोट लगी थी, जिसके तीन टांके लगे और इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। अन्य सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है और उन्हें भी छुट्टी दे दी गई है।
क्रॉस बैरियर नहीं होने से नाले में गिरते हैं वाहन
स्कूल वैन की हालत और उसके संचालन पर अब कई सवाल उठ रहे हैं। जानकारी के अनुसार वैन पर स्कूल बसों के लिए निर्धारित पीला रंग भी नहीं था, जो नियमों का उल्लंघन है। वहीं वैन के पंजीकरण और चालक की योग्यता की जांच की जा रही है। अभिभावकों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूल वाहनों की सुरक्षा जांच अनिवार्य रूप से की जाए और गांवों से स्कूल तक के मार्गों को सुरक्षित बनाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। नाले के किनारे अगर क्रॉस बैरियर होता तो वैन नाले में नहीं गिरती। परिजन का कहना है कि स्थानीय लोगों द्वारा दिखाई गई तत्परता ने एक बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन यह घटना एक बार फिर स्कूल परिवहन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है। यदि वैन में सुरक्षा के मानकों का पालन किया गया होता, तो यह घटना शायद टाली जा सकती थी। आशंका है कि संतुलन बिगड़ने के कारण वैन नाले में गिरी है। बता दे कि इससे पहले ग्रेटर नोएडा में वेस्ट में एक स्कूली बस अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई थी। जिसमें चार स्कूली बच्चे घायल हो गए थे। वहीं हवेलिया नाले के पास एक तेज रफ्तार कार नाले में गिर गई थी। हादसे में रेलवे में तैनात एक व्यक्ति की मौत हुई थी। वहीं कासना कोतवाली पुलिस का कहना है कि इस हादसे की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई थी। फिलहाल घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है।