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गुरुग्राम, 24 अप्रैल। गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति तिलक राज अब उनके निजी सलाहकार होंगे। तिलक राज मल्होत्रा को आधिकारिक तौर पर सलाहकार पद पर नियुक्ति का पत्र नगर निगम ने जारी कर दिया है। हालांकि उनका पद पूरी तरह मानद होगा और वे नगर निगम से किसी भी तरह का लाभ नहीं ले सकेंगे। वहीं, इस नियुक्ति पर कांग्रेस ने जबरदस्त विरोध जताया है और इसको एक्ट का उल्लंघन बताया है।
नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने मेयर के पति और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष तिलकराज मल्होत्रा की नियुक्ति के संबंध में पत्र जारी किया है। अब तिलकराज मेयर द्वारा सौंपे गए कार्यों में सहयोग करेंगे।
तिलकराज मल्होत्रा दो दशक पूर्व गुरुग्राम भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे थे। तिलकराज विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। वहीं, तिलकराज की नियुक्ति को लेकर शहर के राजनीतिक हलके में चर्चा तेज हो गई है। ऐसा पहली बार हो रहा है की किसी को मेयर का सलाहकार बनाया गया है। आमतौर पर मेयर के सहयोग के लिए PA की नियुक्ति की जाती है।
उधर, तिलकराज मल्होत्रा का कहना है कि यह पद पूरी तरह से अवैतनिक है और वे स्वैच्छिक रूप से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि मेयर शहर के विकास को लेकर गंभीर हैं और गुरुग्राम को इंदौर की तर्ज पर देखना चाहती हैं।
कांग्रेस ने जताया विरोध
तिलकराज की नियुक्ति पर कांग्रेस नेता पर्ल चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर पोस्ट डालकर उन्होंने इस कदम को संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ और महिला आरक्षण के मूल उद्देश्य के खिलाफ बताया।
पर्ल चौधरी ने कहा कि यह नियुक्ति भाजपा द्वारा परिवारवाद के खिलाफ दिए जाने वाले बयानों की पोल खोलती है। कुछ निर्दलीय पार्षदों ने भी इस पर एतराज जताया है। उनका कहना है कि नगर निगम गुरुग्राम कमिश्नर ने मेयर पति को सलाहकार बनाकर म्युनिसिपल एक्ट का मजाक उड़ाया है।
एक्ट के अनुसार खून के रिश्ते में ऐसे पद का प्रावधान नहीं है। अगर पतियों को सदन चलाना है तो महिला आरक्षण का मतलब ही खत्म हो जाता है। फिर तो महिला पार्षद के पति भी सलाहकार बन सकते।