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गुरुग्राम, 24 नवंबर। गुरुग्राम पुलिस ने दो कबतूरबाजों को गिरफ्तार किया है। दोनों कतबूरबाज युवाओं को विदेश भेजकर उनसे जबरन साइबर ठगी करवाते थे। इसके बदले में उन्हें चाइना मूल के साइबर ठगों से मोटा कमीशन मिलता था। युवाओं द्वारा साइबर ठगी का काम करने से इनकार करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जाती थी। दोनों आरोपियों को म्यांमार की सेना के हत्थे चढ़ने के बाद भारत डिपोर्ट किया गया था। दोनों अब तक 6 युवाओं को नौकरी का लालच देकर अवैध तरीके से विदेश भेज चुके हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस थाना साइबर अपराध मानेसर में 20 नवंबर को अभियोग संख्या 316 धारा 143(2), 318(4), 61 बीएसएन अंकित किया गया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसके भाई को नौकरी का झांसा देकर थाईलैंड ले जाया गया और फिर वहां से म्यांमार ले जाकर जबरन साइबर ठगी का काम करवाया जा रहा था। जब उसके भाई ने साइबर ठगी करने से मना किया तो उसे जान से मारने की धमकी देकर और भारत वापस भेजने के नाम पर 4 लाख रुपये की वसूली की गई। इसके बाद भी उसके भाई को वापस नहीं भेजा गया। बाद में म्यांमार सेना द्वारा वहां से भगाने के बाद उसका भाई इनकी चंगुल से बाहर निकला।
थाना साइबर अपराध मानेसर प्रभारी मनोज कुमार की टीम ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में 2 आरोपियों को 22 नवंबर को हिसार से गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान संदीप (उम्र-24 वर्ष) निवासी गांव हरिता जिला हिसार और मुकुल (उम्र-26 वर्ष) निवासी महावीर कॉलोनी (हिसार) के रूप में हुई।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि संदीप दिसंबर 2024 में और मुकुल जून 2025 को म्यांमार गया था। जहां वे चाइना मूल के लोगों से मिले। वे वहां उनके साथ मिलकर साइबर फ्रॉड का काम करने लगे। चाइनीज लोग अवैध तरीके के काम व ठगी के लिए भारत से युवाओं को बुलाते हैं। जिसके बदले वे कमीशन के तौर पर प्रत्येक व्यक्ति को करीब 5/6 हजार थाइवा देते हैं तथा एजेंट को अलग से कमीशन देते हैं। संदीप भी भारत से युवाओं को बुलाकर कमीशन कमाने में लिप्त हो गया। वह यह टेलीग्राम व इंस्टाग्राम के माध्यम से भारत में युवाओं से संपर्क करता और भारत के युवाओं को थाईलैंड में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बुलाता। इसके बाद वह उन्हें अवैध तरीके से थाईलैंड से म्यांमार ले जाता। फिर वहां ले जाकर चाइना मूल के लोगों द्वारा संचालित साइबर ठगी के कार्य में भारतीय युवाओं को झोंक देता था। जब कोई युवा इसका विरोध करता तो उन्हें ये मारने की धमकी देते तथा वापस भेजने के लिए मोटी रकम वसूलते। संदीप ने इस मामले में पीड़ित को भारत वापस भेजने के बदले उससे 4 लाख रुपये वसूल किए थे। यह 4 लाख रुपये संदीप द्वारा अपने साथी मुकुल के बैंक खाते में ट्रांसफर कराए गए थे। दोनों आरोपियों को 10 नवंबर को दिल्ली डिपोर्ट किया गया था।
पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि दोनों मानव तस्करी करने, नौकरी का झांसा देकर साइबर ठगी के लिए युवाओं को विदेश भेजने तथा विदेश ले जाकर उन्हें किसी अन्य देश ले जाकर उन्हें जान से मारने की धमकी देकर अवैध कार्य कराने की वारदातों को अंजाम देते थे। इसके बदले वे अपने चाइना मूल के साथियों से मोटा कमीशन प्राप्त करते थे। ये अब तक हरियाणा व राजस्थान के करीब 6 युवाओं को इस तरीके से नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजने की वारदातों में शामिल रहे हैं।
पुलिस द्वारा आरोपियों को कल अदालत में पेश करके 3 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया है। पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान आरोपियों से अन्य वारदातों व साथी आरोपियों के बारे में गहनता से पूछताछ की जा रही है, पुलिस पूछताछ में जो भी तथ्य समक्ष आएंगे उनके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।



