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नूंह, 13 दिसंबर। जिले में साइबर अपराधियों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। साइबर क्राइम पुलिस और सीआईए स्टाफ नूंह की संयुक्त टीम ने ‘ऑपरेशन हॉटस्पॉट’ के तहत असम निवासी मुख्य आरोपी रियाजुल हुसैन को गिरफ्तार किया है। रियाजुल हुसैन लगातार साइबर अपराधियों को फर्जी सिम कार्ड सप्लाई करने में सक्रिय था और उसने अब तक ढाई सौ से अधिक फर्जी सिम कार्ड नूंह क्षेत्र के साइबर ठगों को उपलब्ध कराए थे।
सहायक पुलिस अधीक्षक आयुष यादव के मुताबिक यह गिरफ्तारी एक पुराने मामले में हुई, जो अगस्त में दर्ज किया गया था। जब गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने नूंह-सोहना रोड पर रेवासन के पास असम निवासी एक युवक को 350 फर्जी सिम कार्ड के साथ गिरफ्तार किया था। जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि ये सिम वह स्थानीय युवक को देने जा रहा था। जांच आगे बढ़ने पर पता चला कि ये सभी फर्जी सिम असम के गोलपारा जिले में रियाजुल हुसैन की दुकान ‘रोज लाइट हाउस’ से जारी की गई थीं। रियाजुल ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ये सिम एक्टिवेट कीं और साइबर अपराधियों तक पहुंचाईं।
पुलिस जांच में वोडाफोन-आइडिया और जियो कंपनियों से प्राप्त रिकॉर्ड से पुष्टि हुई कि अधिकांश सिम रियाजुल हुसैन के पीओएस कोड से जारी हुई थीं। इसके अलावा, जांच में एक फिंगरप्रिंट स्कैनर मशीन भी बरामद हुई, जिसका इस्तेमाल सिम एक्टिवेशन में किया जाता था। रियाजुल की गिरफ्तारी 4 दिसंबर को असम से हुई, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर नूंह लाया गया। उसके पास से दो मोबाइल भी बरामद हुए। इस मामले में अब तक रियाजुल हुसैन सहित कई आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। जबकि अन्य सह-आरोपियों की तलाश जारी है। नूंह पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई साइबर अपराध की जड़ों पर प्रहार है, क्योंकि फर्जी सिम कार्ड ठगी के अधिकांश मामलों में इस्तेमाल होते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन लेन-देन में सतर्क रहें और किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।



