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गुरुग्राम, 14 दिसंबर। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा संस्था है, जो संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को स्वास्थ्य, मातृत्व एवं सामाजिक सुरक्षा से जुड़े व्यापक लाभ प्रदान कर रही है। यह योजना उन कारखानों एवं संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों पर लागू होती है, जिनका मासिक वेतन निर्धारित सीमा ₹21,000 तक है।
उप क्षेत्रीय कार्यालय गुरुग्राम के कार्यालय प्रमुख एवं निदेशक (प्रभारी) सुनील यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना के अंतर्गत पंजीकरण के उपरांत कर्मचारी एवं उनके आश्रित परिवारजन—चाहे वे पुरुष हों या महिलाएं—मुफ्त अथवा रियायती चिकित्सा सुविधा, अस्पताल में उपचार, दवाइयां, हॉस्पिटलाइजेशन सहित विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। विशेष रूप से महिला कर्मचारियों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत मातृत्व लाभ एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जिसके तहत गर्भावस्था, प्रसव तथा प्रसव पूर्व एवं प्रसवोत्तर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
उप क्षेत्रीय कार्यालय गुरुग्राम द्वारा वित्तवर्ष 2024-25 के दौरान 587 महिला लाभार्थियों को कुल 4.92 करोड़ रुपये के मातृत्व हितलाभ प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त सितंबर 2025 माह में 22 मेडिकल कैंपों का आयोजन किया गया, जिनसे 3,416 महिला लाभार्थियों ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।
इसके साथ ही कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत बीमारी, आकस्मिक दुर्घटना, अस्थाई अथवा स्थायी अक्षमता तथा बेरोजगारी भत्ता जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं भी महिला कर्मचारियों सहित सभी पंजीकृत कामगारों एवं उनके परिवारों को प्रदान की जाती हैं। यह अधिनियम ईएसआईसी के अंतर्गत पंजीकृत संस्थानों में कार्यरत स्थायी, अनुबंध अथवा कैजुअल महिला कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होता है।
“कर्मचारी राज्य बीमा निगम महिलाओं को स्वास्थ्य, मातृत्व और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ईएसआई योजना के माध्यम से महिला कामगारों को न केवल चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित हो रही है। नए लेबर कोड के प्रावधानों के साथ महिलाओं के लिए समान अवसर, सुरक्षित कार्यस्थल और व्यापक सामाजिक सुरक्षा का दायरा और मजबूत हुआ है।”
उन्होंने बताया कि नए लेबर कोड 2025 के लागू होने के साथ महिलाओं के लिए समान वेतन, रात्रि पाली में कार्य करने का विकल्प (सुरक्षा एवं सहमति के साथ), मातृत्व अवकाश, वर्क-फ्रॉम-होम, क्रेच सुविधा तथा शिकायत निवारण समितियों में प्रतिनिधित्व जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं। साथ ही पारिवारिक सुरक्षा कवरेज के दायरे का विस्तार करते हुए सास-ससुर एवं नाना-नानी को भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल किया गया है।
सुनील यादव ने ईएसआईसी के अंतर्गत आने वाले सभी नियोक्ताओं एवं महिला कर्मचारियों से अपील की कि वे कर्मचारी राज्य बीमा योजना एवं नए लेबर कोड के प्रावधानों की जानकारी प्राप्त कर उनका प्रभावी रूप से अनुपालन सुनिश्चित करें, ताकि महिलाओं को उपलब्ध कराए जा रहे सामाजिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य लाभों का पूरा लाभ मिल सके।



