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गुरुग्राम, 29 अप्रैल। गुरुग्राम जिले के मानेसर नगर निगम में सफाई घोटाला सामने आया है। जिसमें सफाई एजेंसी ने ठेके की शर्तों के अनुसार जहां सफाई व्यवस्था सुचारू नहीं रखी। वहीं, एजेंसी ने अनुबंध शर्तों के अनुसार सफाईकर्मियों की पूरी पेमेंट उठाई और तैनाती केवल एक चौथाई कर्मचारियों की। घोटाला सामने आने के बाद नगर निगम मानेसर ने सफाई एजेंसी पर 4.30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जो कि सफाई एजेंसी द्वारा कर्मचारियों के नाम पर किए गए 67.5 करोड़ रुपये के घोटाले से कहीं कम है। उस पर तुर्रा ये की सफाई एजेंसी इस जुर्माना राशि का पता लगने के बाद निगम के आला अधिकारियों पर दबाव बनाने में लगी हुई है।
सफाई कार्य में निर्धारित मानकों वाली मशीनरी का भी नहीं किया प्रयोग
सफाई एजेंसी आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर आरोप है कि उसके अनुबंध काल में शहर की सफाई व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं और एजेंसी द्वारा अनुबंध के अनुसार निर्धारित मानकों के अनुसार सफाई मशीनों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। यह आरोप सफाई एजेंसी पर किसी और ने नहीं बल्कि पटौदी की विधायक बिमला चौधरी ने लगाया है। बिमला चौधरी ने 11 अप्रैल को मानेसर नगर निगम की आयुक्त रेनू सोगन को इस बाबत एक पत्र लिखा था। जिसमें सफाई एजेंसी का पूरा काला चिट्ठा खोला गया था और आरोप लगाया गया था कि एजेंसी अनुबंध शर्तों के अनुसार पर्याप्त कर्मियों को सफाई कार्य के लिए तैनात नहीं कर रही है। विधायक ने इस मामले यथाशीघ्र कार्यवाही की मांग की थी।
2 साल के लिए दिया था ठेका, पहले भी हो चुकी ब्लैकलिस्ट एजेंसी
नगर निगम मानेसर ने फरवरी 2023 में आकांक्षा इंटरप्राइजेज को शहर का रोड स्वीपिंग, पुश अप रोटेटिंग और ड्रेन का कांट्रेक्ट 2 साल के लिए दिया था। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 105 करोड़ रुपये थी। एजेंसी को हर महीने औसतन 4.30 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा था। इसके बावजूद शहर में सफाई का काम सही ढंग से नहीं किया जा रहा था। आकांक्षा इंटरप्राइजेज इससे पहले भी अपनी कार्यशैली को लेकर ब्लैक लिस्टेड हो चुकी है।
सफाईकर्मियों के नाम पर उठाई 90 करोड़ की राशि
विधायक से शिकायत मिलने के बाद नगर निगम ने पाया कि सफाई एजेंसी ने 2023 से दिसंबर 2024 तक की बिल अदायगी में भी पूरे 1997 सफाईकर्मियों के अनुसार निगम से भुगतान उठाया है। ये राशि लगभग 90 करोड़ रुपये बनती है। निगम आयुक्त रेनू सोगन ने इस पर जांच के आदेश दिए हैं।
नगर निगम मानेसर की सफाई शाखा और बिल संबंधी अधिकारियों ने अनुमानित 1997 सफाई कर्मचारियों के बजाय कम कर्मचारी लगाने पर आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर लगभग 4.30 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाकर सीनियर अधिकारियों को प्रस्तावित की है।
एजेंसी की जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक लगाए गए सफाई कर्मियों की डिटेल दर्शाती है कि किस तरह निगम में 1/4 मैनपावर पर ही आकांक्षा इंटरप्राइजेज ने हर महीने 100 प्रतिशत मैनपावर की पेमेंट निगम से ली है।
काम में कोताही बरतने वाले कर्मियों को भेजे नोटिस
पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद निगम आयुक्त ने जिन कर्मचारियों के कार्य में कमी पाई है, उनको शोकॉज नोटिस भेजे और अपने उच्च अधिकारियों को भी लिखा कि इन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। एमएलए पटौदी ने भी कई बार निगम से कहा था कि आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए और एसडब्ल्यूएम पोर्टल के माध्यम से ही पेमेंट की जाए। इसे ध्यान में रखते हुए एजेंसी पर 4.30 करोड़ रुपये का चालान लगाया गया है और साथ ही निगम मुख्यालय को जांच भी सौंपी जाएगी।
आयुक्त रेनू सोगान ने पूरे मामले का तथ्यपूर्ण विश्लेषण करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि सफाई कर्मियों की संख्या पूरी नहीं होने और सफाई व्यवस्था में अव्यवस्था के कारण यह जुर्माना उचित है। बताया जा रहा है कि जुर्माना राशि पता चलने पर आकांक्षा इंटरप्राइजेज द्वारा निगम अधिकारियों पर दबाव भी बनाया जा रहा है।