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फरीदाबाद (अजय वर्मा), 7 जुलाई। फरीदाबाद की नेहरू कॉलोनी का टूटना तय है। यह निगम आयुक्त के बयान ने स्पष्ट कर दिया। जिसके बाद बिफरे कॉलोनी वासियों ने निगम आयुक्त पर धोखा देने का आरोप लगाया है।
नेहरू कॉलोनी वासियों के चल रहे धरने के बीच नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने जानकारी देते हुए बताया कि नेहरू कॉलोनी में प्रस्तावित तोड़फोड़ की कार्रवाई के संबंध में हाल ही में कॉलोनी के निवासियों एवं प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया गया। इस दौरान कॉलोनीवासियों की चिंताओं और सुझावों को गंभीरता से सुना गया।
पात्र निवासियों को मिलेगा वैकल्पिक आवास
नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने नेहरू कॉलोनी के प्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए बताया कि किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ की कार्रवाई से पूर्व, इस विषय को राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास पात्र कालोनीवासियों द्वारा इस संदर्भ में कोई प्रस्ताव आएगा तो वे सरकार को भेजेंगे और उनका प्रयास रहेगा कि नेहरू कॉलोनी के पात्र निवासियों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध करवाया जाए।
लगाया धोखा देने का आरोप, बताया अशांति फैलाने वाला बयान
वहीं धरने पर बैठे निवासियों ने कहा कि एक बयान नगर निगम कमिश्नर ने दिया है। वो बयान अशांतिपूर्वक है। निगम कमिश्नर ने इस बयान में कहा है कि नेहरू कॉलोनी के लोगों को पुनर्वास किया जाएग। उन्हें रहने के लिए जगह दी जाएगी।
इसका मतलब साफ है की नेहरू कॉलोनी पर बुल्डोजर एक्शन होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि जब हमें कमिश्नर ने मीटिंग के लिए बुलाया तब उन्होंने कहा था कि कॉलोनी को नहीं तोड़ा जाएगा। अब बयान दिए जा रहे हैं। की अगर तोड़ा जाता हैं। तो कॉलोनी वासियों का पुनर्वास किया जाएगा। वैकल्पिक मकान दिए जाएंगे ।
पाई पाई जोड़कर बनाए थे पक्के मकान
कॉलोनी वासियों ने तहसीलदार विक्री विजय कुमार पर हजारों लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। नेहरू कॉलोनी वासियों ने बताया कि पुनर्वास विभाग ने सन 2001-2002 में स्थायी निवासी होने के अलॉटमेंट फार्म भरवाए गए थे इस वजह से लोगों ने भरोसा किया कि हरियाणा सरकार इस जगह का मालिकाना हक देगी। इसीलिए लोग इस स्थान पर अपनी पाई पाई जोड़कर पक्के मकान बनाकर निवास कर रहे हैं। यह भूमि पुनर्वास विभाग की है।
रह रहे 12 से 15 हजार परिवार
यहां पर हरियाणा सरकार ने सभी मूलभूत सुविधाएं दे रखी हैं। इस कॉलोनी का क्षेत्रफल सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 59.75 एकड़ हैं। हमारी कॉलोनी में लगभग 12 से 15 हजार परिवार निवास कर रहे हैं। जिसकी कुल आबादी ( स्त्री, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग) करीब 40 से 50 हजार हैं। और यहां सभी धर्म के लोग रहते हैं। जिसमें 55 प्रतिशत sc, st, DSC समाज के लोग रहते हैं। यह सब निवासी शांतिपूर्ण ढंग (एवं) भाईचारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
सरकार दे मालिकाना हक, सर्कल रेट पर पैसा देने को तैयार
कॉलोनी वासियों ने कहा कि हम सरकार से निवेदन करते हैं कि यह 59.75 एकड़ जमीन पुनर्वास विभाग की हैं। हरियाणा सरकार की अंतिकरण योजना को तत्काल प्रभाव से पुनः चालू किया जाए। नेहरू कॉलोनी निवासियों को उसी जगह उनके मकानों के अलाटमेंट आवेदन पत्र भरवा कर उन्हें मालिकाना हक दिया जाए। जिसकी कॉलोनी वासी DC रेट द्वारा प्रति गज के हिसाब से जो भी पैसा होता हैं, उसे देने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वे प्रशासन के साथ है। प्रशासन के मुताबिक उसने 3 लोगों को चिन्हित कर रखा हैं। अगर प्रशासन उनके खिलाफ एक्शन लेता हैं तो समस्त नेहरू कॉलोनी वासी प्रशासन के साथ हैं। गलत काम करने वालों का कॉलोनी वासी साथ नहीं देंगे। 10 तारीख से पहले प्रशासन उन इन व्यक्तियों के खिलाफ मैनुअल कार्रवाई कर दे।
हमें हमारे मकानों में ही दफन कर दें
नेहरू कॉलोनी वासी अपनी मांगो को लेकर धरने पर बैठ चुके हैं। साथ ही अनशनकारियों ने कहा कि प्रशासन ने कॉलोनी को उजड़ने की कोई नीति बनाई है। तो कॉलोनी वासी चुप नहीं रहेंगे। संवैधानिक दायरे में रह कर प्रशासन का पुरजोर विरोध करेंगे और अपने मकानों से नहीं निकलेंगे प्रशासन चाहती हैं। तो हमें हमारे मकानों में ही हमें दफन कर दे।