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गुरुग्राम, 9 जुलाई। केंद्र सरकार ने देश में औपचारिक रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोजगार प्रोत्साहन योजना को मंज़ूरी प्रदान की है। यह योजना वैश्विक सर्वाेत्तम प्रथाओं के अनुरूप तैयार की गई है और इसे उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन तथा मेक इन इंडिया जैसे प्रमुख राष्ट्रीय अभियानों का समर्थन प्राप्त है।
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (द्वितीय) मोहित यादव ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत् वर्ष 2025-27 के दौरान लगभग 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है। भाग- ए के अंतर्गत उन युवाओं को लाभ मिलेगा जो पहली बार ईपीएफओ के अंतर्गत् नियोजित हो रहे हैं और जिनका मासिक वेतन ₹1 लाख तक है। उन्हें ₹15,000 तक की राशि दो किश्तों में दी जाएगी। पहली किश्त 6 माह की सेवा के बाद और दूसरी किश्त 12 माह पूर्ण करने तथा एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम को पूरा करने के बाद। इससे लगभग 1.92 करोड़ युवा लाभान्वित होंगे।
भाग- बी में नियोक्ताओं को अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति पर वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रत्येक नए कर्मचारी पर नियोक्ताओं को ₹1,000 से ₹3,000 तक प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि 2 वर्ष तक प्रदान की जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र को यह लाभ अतिरिक्त दो वर्ष तक मिलेगा। इस भाग से लगभग 2.6 करोड़ रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। योजना का कुल बजट ₹99,446 करोड़ निर्धारित किया गया है और यह भुगतान डीबीटी माध्यम से सीधे कर्मचारियों और नियोक्ताओं के खातों में किया जाएगा।
यह योजना केंद्रीय बजट 2024-25 के अंतर्गत् प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ₹2 लाख करोड़ के रोजगार पैकेज का हिस्सा है, जिसके माध्यम से 4.1 करोड़ युवाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
ईएलआई योजना का उद्देश्य युवाओं को औपचारिक रोजगार के अवसर प्रदान करना, कौशल निर्माण को बढ़ावा देना और उद्योगों में स्थायित्व लाना है। यह पहल विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और विनिर्माण इकाइयों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इससे देश के आर्थिक विकास व सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूती मिलेगी।